बुंडू. बीती रात रेलाडीह जंगल में जमे जंगली हाथियों ने खुदीमदुकम गांव के हेसा बाइद में दर्जनों किसानों के खेत में रोपनी के लिए तैयार धान के बिचड़े को नोंच कर एवं पैरों से रौंद कर नष्ट कर दिया. अब किसानों के लिए खेतों में दोबारा बिचड़ा डालना मजबूरी हो गयी है, अन्यथा खेत परती ही रह जायेगी. उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह भर पहले से ही 18 जंगली हाथियों का दल रेलाडीह खुदीमदुकाम जंगल में शरण लिए हुए हैं. जंगल के इर्द-गिर्द स्थित दर्जनों गांवों के खड़ी फसलों एवं धान के बिचड़ों को निशाना बना रहे हैं. ग्रामीणों के बार-बार आग्रह के बावजूद वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी असंवेदनशील बने हुए हैं. इधर रात्रि लगभग 12 बजे जब ग्रामीणों को हाथियों के फसल चरने की जब जानकारी मिली, तो अपने स्तर से पटाखे आदि फोड़ कर हाथियों को भगाने का प्रयास किया. घंटों मशक्कत के बाद हाथी वापस जंगल लौटे. तब तक हाथियों ने दर्जनों किसानों के बिचड़े को नष्ट कर दिया था. ग्रामीणों ने वन विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों से तत्काल किसानों को मुआवजा के साथ हाथियों को खदेड़ने की मांग की है.
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