
कोडरमा. आरपीएफ ने गुरुवार को चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले का खुलासा करते हुए गुरुवार को नौ नाबालिग समेत 14 लोगों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया. इस मामले में दो तस्कराें को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार तस्करों की पहचान सतगांवा निवासी उमेश मुसहर व मुसहर गांवा के पांडेयडीह निवासी संतोष के रूप में हुई है. रेस्क्यू किये गये सभी बच्चे गांवा थाना क्षेत्र के पांडेयडीह के बताये जाते हैं. बताया जाता है कि सभी को दिल्ली में होटल में काम दिलाने के नाम पर ले जाया जा रहा था. बरामद बच्चे 12-15 वर्ष तक के व बालिग 18-19 वर्ष के हैं. तस्करों की ओर से नाबालिग बच्चों के फर्जी आधार कार्ड बनाने की बात भी सामने आयी है, जिसमें उम्र अधिक बताया गया है. आरपीएफ प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से दोपहर दो बजे सभी को दिल्ली ले जाने की तैयारी थी. सभी का टिकट भी बन चुका था. इसी क्रम में कोडरमा स्टेशन पर प्लेटफाॅर्म संख्या एक पर आरपीएफ की टीम ने बच्चों को संदिग्ध अवस्था में देखा. बच्चों के आधार कार्ड की जांच के बाद मामला चाइल्ड ट्रैफिकिंग तक पहुंचा. इसके बाद मौके से ही तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया. बच्चों का रेस्क्यू करने के बाद तिलैया थाना के ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंप दिया गया. बच्चों को फिलहाल सुरक्षा में रखा गया है. पुलिस के अनुसार मामले की छानबीन की जा रही थी. बड़ा मानव तस्करी के बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है.
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