बेतला़ अत्याधिक बारिश के कारण इस वर्ष अभी तक खरीफ की एक महत्वपूर्ण फसल मकई की खेती शुरू नहीं हो सकी है. लगातार हो रही बारिश से किसानों को मकई की खेत तैयार करने का मौका ही नहीं मिल सका है. इस कारण मकई के खेत वीरान पड़े हुए हैं. आद्रा नक्षत्र खत्म होने के कगार पर है इस कारण इस खेती पर निर्भर किसानों की उम्मीद टूट चुकी है. इसलिए अब किसानों का एकमात्र भरोसा धान की खेती पर है. कई किसानों ने अपना बिचड़ा तैयार कर लिया है. अब वैसे किसान धान की रोपाई के लिए खेत तैयार करने में जुटे हैं. किसानों का कहना है कि यह पहली बार हो रहा है की समय से पहले उन्हें अपने धान की खेत की तैयारी करनी पड़ रही है. उम्मीद है कि धान की खेती अच्छी हो जायेगी. हालांकि, कई किसानों ने अभी धान का बिचड़ा भी तैयार नहीं किया है. कुछ किसानों के बिचड़े अधिक पानी के बहाव में बह गये हैं. झामुमो नेता ने की खेती शुरू : बरवाडीह प्रखंड के पूर्व झामुमो प्रखंड अध्यक्ष अफजल अंसारी ने कहा कि इस बार मकई की खेती होने की संभावना नहीं है. इसलिए वह धान की खेती की तैयारी में जुट गये हैं. जिस तरह से बारिश हो रही है उम्मीद है इस बार धान की अच्छी खेती होगी. वहीं अन्य किसानों ने भी उम्मीद जताया है कि इस बार धान की अच्छी खेती होगी. कुछ किसानों ने बताया कि यदि कुछ दिनों के लिए बारिश खुल जाती है तो मकई की खेती की भी थोड़ी संभावना है.
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