
हेरहंज/बारियातू़ हेरहंज और बारियातू प्रखंड के सीमाने पर हेरहंज प्रखंड अंतर्गत सलैया वन क्षेत्र में इन दिनों अवैध रूप से यूकेलिप्टस के पेड़ों की कटाई बदस्तूर जारी है. आश्चर्य की बात यह है कि इस पूरे मामले में वन विभाग के कर्मी पूरी तरह मौन बने हैं. ग्रामीणों द्वारा बार-बार सूचना देने के बावजूद विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे तस्करों का हौसला बढ़ता जा रहा है. प्लांटेशन एरिया से काटी जा रही लकड़ी : ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सलैया गांव के जंगल एरिया में विभाग की पहल पर लाखो रुपये खर्च कर प्लांटेशन किया गया था. इसी एरिया से इन दिनों तस्कर दिनदहाड़े यूकेलिप्टस के पेड़ काट रहे है. सूत्रों की माने तो यह लकड़ी यूपी और बिहार भी भेजी जा रही है. इतना ही नहीं बारियातू प्रखंड अंर्तगत जावाबर गांव के जंगलों से भी तस्कर यूकेलिप्टस, सखुआ, करम समेत अन्य कीमती पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. यह पेड़ यहां से यूपी, बिहार के अलावा चतरा, हजारीबाग, पांकी व खलारी जैसे स्थानों पर भेजे जा रहे हैं. इसमें संगठित गिरोह काम कर रहा है. इन्हें स्थानीय स्तर पर संरक्षण मिलने की भी आशंका जतायी जा रही है. हेरहंज में बना है आवास, पर नहीं रहते कर्मी : ग्रामीणों की माने तो हेरहंज वन क्षेत्र की रक्षा के लिए यहां फिलहाह चार वनरक्षी कार्यरत हैं. इन्हें रहने के लिए विभाग की पहल पर कार्यालय परिसर में ही वर्ष 2017-18 में लाखों रुपये की लागत से क्वार्टर बनाया गया है. इसमें सभी सुविधाएं भी उपलब्ध है, पर कोई भी कर्मी यहां नहीं रहते. इधर, लगातार जंगल कटाई से वन क्षेत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है. पर्यावरणीय संतुलन प्रभावित हो रहा है. जंगली जीव-जंतु के लिए भी संकट खड़ा हो गया है. ग्रामीणों ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में वनपाल आनंद कुमार चौधरी ने कहा कि अवैध तरीके से पेड़ कटाई की जानकारी मुझे नहीं है. पूरे मामले की जांच की जायेगी .
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