बारियातू ़ थाना क्षेत्र के गोनिया, फुलसू, शिबला और बालूभांग पंचायत के जंगली इलाकों में लगातार वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण हो रहा है. माफिया बड़ी चालाकी से पहले जंगल की अवैध कटाई करते हैं, फिर उस भूमि पर सरसों छिंटकर खेती का दिखावा करते हैं. वन विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण अतिक्रमण की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. थाना क्षेत्र के पश्चिमी व पूर्वी रेंज अंतर्गत करीब 500 एकड़ से अधिक वनभूमि पर अवैध रूप से खेती की जा रही है. ग्रामीणों के अनुसार गड़गोमा, करमा, बेसरा, राजगुरू, फुलसू, हेरहनहोप्पा और बालूभांग गांवों में पेड़ों की कटाई कर खेती की जा रही है. नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि इसमें वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत भी है, जिससे माफिया बेखौफ होकर जंगल उजाड़ रहे हैं. सिर्फ वन भूमि ही नहीं, बल्कि गैर मजरूआ (जीएम) जमीन पर भी कब्जा हो रहा है. इस अवैध कटाई का पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है. ग्रामीणों ने वन विभाग के वरीय अधिकारियों से उच्चस्तरीय जांच कराने और उजाड़े गये क्षेत्रों में शीघ्र पौधरोपण कर जंगलों को पुनर्जीवित करने की मांग की है. क्या कहते हैं रेंजर : इस संबंध में बालूमाथ वन क्षेत्र पदाधिकारी नंद कुमार मेहता ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें अब मिल रही है. पूरे मामले की जांच की जायेगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे वन भूमि पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें.
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