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भवन के अंदर ढाले गये बीम में कई जगह दरार
तसवीर-2 लेट-5 अधूरा भवन
जिले में सरकारी राशि का दुरुपयोग कोई नयी बात नहीं है. लेकिन जनप्रतिधियों द्वारा दी गयी राशि का दुरुपयोग का यह शायद पहला मामला हो सकता है. जिला मुख्यालय के इंडोर स्टेडियम के पीछे वर्ष 2018 व 2019 में तत्कालीन सांसद सुनील सिंह ने दो योजना के लिए अलग-अलग राशि प्रदान की थी. वर्ष 2018 में सबसे पहले अटल भवन के निर्माण के लिए अपने कोटा से 10 लाख रुपये दिया था. कार्यकारी एंजेसी एनआरइपी को उन्होंने यह कार्य आंवटित किया था. कार्य आवंटित होने के बाद कार्य प्रारंभ हुआ. संबंधित कार्य के कनीय अभियंता ब्रजेश राय (अब सेवानिवृत) थे. श्री राय की देखरेख में यह कार्य पूरा हो गया. लेकिन कार्य की गुणवत्ता एक साल में ही प्रभावित हो गयी. भवन के अंदर जो बीम की ढलाई की गयी है उसमें कई जगह दरार आ गयी है. इसका खुलासा वर्ष 2019 में हुआ जब उसी भवन पर सांसद श्री सिंह ने पांच लाख रुपये की राशि से वाचनालय, उपर की सीढ़ी, डीप बोरिंग और शौचालय बनाने के लिए राशि दी. दोनों कार्य के कार्यकारी एजेंसी एनआरइपी थी. पहले वाले कार्य की गुणवत्ता तो प्रभावित हुई. दूसरा कार्य प्रारंभ हुआ तो सिर्फ छत पर सात इंच दिवाल जोड़ कर छोड़ दिया गया है. सीढ़ी तो बना लेकिन पूरा नहीं हो सका. शौचालय आज भी अधूरा है. इस योजना से आधी राशि ढ़ाई लाख रुपये की निकासी कर ली गयी है. वहीं, कार्यकारी एजेंसी के पास दूसरे कार्य का न तो कोई संचिका उपलब्ध है और न एमबी है. ढाई लाख रुपये की निकासी सिर्फ चार रंगीन वाउचर लगा कर कर लिया गया है. इस मामले को लेकर भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष जय सिंह ने बताया कि इस मामले से उपायुक्त को पत्र लिख कर अवगत कराया जायेगा. किस परिस्थति में राशि के रहते भवन निर्माण का कार्य अधूरा रह गया है.
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