चंदवा़ शनिवार को मुहर्रम का त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जा रहा था. वहीं, आषाढ़ शुक्ल एकादशी होने के कारण भगवान जगन्ननाथ मौसीबाड़ी से अपने घर लौट रहे थे. इस दौरान प्रखंड में धार्मिक सौहार्द का अनूठा संगम देखने को मिला. कामतागढ़ में आयोजित रथ पूजा के बाद शनिवार को भगवान जगन्ननाथ रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी से लौट रहे थे. वहीं, मुहर्रम में ताजिया जुलूस के बाद लोग ताजिया लेकर कामता कर्बला जा रहे थे. कामता गढ़ के समीप दोनों एक स्थान पर मिल गये. हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग अपने-अपने विधि-विधान से परंपरा पूरी की. घूरती रथ यात्रा का नेतृत्व लाल प्रेरित नाथ शाहदेव कर रहे थे. उनके अलावे व्यवस्था संभालने में लाल विक्रम नाथ शाहदेव, प्रणव नाथ शाहदेव, दिग्विजय नाथ शाहदेव समेत अन्य लोग थे. वहीं, ताजिया में अयूब खान, शाहिद खान, आर्यन, अख्तर खान, सलीम मियां, गोविंद समेत अन्य लोग मौजूद थे. दोनों समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे के धर्म का सम्मान कर गले मिल विधि- विधान संपन्न कराया. लाल प्रेरित नाथ शाहदेव ने कहा कि चंदवा का धार्मिक सौहार्द जिले में मिसाल है. यहां सभी समाज के लोग एकजुटता के साथ त्योहार मनाते हैं. ज्ञात हो कि मुर्हरम के मौके पर कामता में मेला भी लगता है. इमसें बड़ी संख्या में सभी समुदाय के लोग शामिल होते हैं.
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