
महुआडांड़़ नेतरहाट आवासीय विद्यालय में शनिवार को एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला (आधुनिक शिक्षा और शिक्षक तथा वर्तमान चुनौतियां) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में हमें सबसे पहले प्रकृति की संतुलन पर ध्यान देना चाहिए. इसके बाद विद्यालय परिसर में पौधरोपण किया गया. शिक्षा मंत्री ने विद्यालय के आश्रमवर्ग का उद्घाटन सह नामकरण किया. इसमें नीलांबर-पितांबर आश्रम, सिदो-कान्हू आश्रम एवं वीर बुधु भगत आश्रम शामिल है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय की स्थापना सर्वांगीण विकास एवं स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्यों के साथ की गयी थी. आज इस विद्यालय में अनेकों संसाधन जैसे लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब एवं लेबोरेट्री उपलब्ध है. जिनका उपयोग कर विद्यार्थी अपना जीवन संवार सकते हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा के विकास के लिए चिंतित और प्रत्यनशील है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी बोध होना चाहिए. विधायक रामचन्द्र सिंह ने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय हमारे राज्य का एक अभिन्न अंग है. शिक्षक विद्यालय के स्तंभ होते हैं उन्हें अपने शिक्षा कौशल के विकास के साथ-साथ छात्रों के बीच कुशल समन्वय बनाये रखने की आवश्यकता है. शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव कुंवर सिंह पाहन ने कहा कि हमें नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. शिक्षाविद डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि शिक्षकों द्वारा अपने शिक्षण कौशल के साथ शिक्षक-छात्र के बीच मधुर एवं परस्पर समन्वय स्थापित करने पर बल दिया जाना चाहिए, ताकि छात्र निर्भीक रूप से शिक्षकों से सवाल-जबाब कर सकें. प्राचार्य संतोष कुमार ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञानाजर्न नहीं है बल्कि यह समाज को सुदृढ़ बनाने का एक मुख्य आधार है. नेल्सन मंडेला का कथन है कि शिक्षा वह हथियार है जिससे आप देश और समाज में बदलाव ला सकते हैं. रांची के डीपी पटेल ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास है, अतः हमें बतौर शिक्षक इस बात पर अवश्य बल देनी चाहिए कि छात्रों में शिक्षा के साथ साथ कैसे नैतिक गुणों का विकास हो सके. मौके पर डॉ मनुकूल, नेतरहाट विद्यालय के सभापति संतोष उरांव, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ कामिनी कुमार, गणित एवं भौतिकी विषय के विषय विशेषज्ञ सह पूर्ववर्ती छात्र डॉ (प्रो) प्रिय रंजन, विद्यालय के पूर्व प्राचार्य विंध्याचंल पांडेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार समेत कई छात्र उपस्थित थे.
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