
बेतला़ सरईडीह शिव मंदिर में स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित श्रीराम कथा के दूसरे दिन अयोध्या से पधारे प्रद्युमन शरण जी महाराज ने कहा कि कथा सुनने से संस्कार आता है. जीवन की सभी अच्छाइयां राम कथा से ही संभव है. उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान का सहारा लेकर चलते हैं उनके सारे संकट दूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह जंगल में आग लगता है तो हाथी सरोवर की ओर भागता है ताकि वह अपनी जान को बचा सके, ठीक उसी तरह मानव जीवन में जब पीड़ा आती है तो मानव को राम कथा की शरण में जाना चाहिए. क्योंकि राम कथा का श्रवण करने से सभी संकट अपने आप दूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज कई ऐसे लोग हैं जो संकट आने पर अपना धर्म तक बदल देते हैं. पैसे की लालच में लोग दूसरे धर्म को अपना लेते हैं. वैसे लोग अधर्मी माने गये हैं. जो सनातनी हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि राजा हरिश्चंद्र ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने धर्म को नहीं छोड़ा. वह चाहते तो धर्म को छोड़ सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसलिए हमें अपने जीवन में धर्म को बनाकर रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रद्धा की देवी माता पार्वती को माना गया है, जबकि विश्वास के देव भगवान शिव हैं. जब किसी मानव के अंदर भगवान के प्रति श्रद्धा होती है तो उन पर मां पार्वती की कृपा होती है और यदि जिसमें भगवान पर विश्वास होता है उसके अंदर शिव का वास होता है. इसलिए हमें श्रद्धा और विश्वास को अपने मन में बनाये रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कलयुग में पिता-पुत्र, भाई-भाई, सास-बहु में विवाद देखने को मिल रहा है, इसका एकमात्र कारण श्रद्धा और विश्वास की कमी है. यदि उनमें श्रद्धा और विश्वास रहेगा तो निश्चित रूप से उनके घर में शांति बनी रहेगी. मौके पर मंदिर के संस्थापक सह संरक्षण कमलेश प्रसाद गुप्ता, कमेटी के अध्यक्ष ओम प्रकाश प्रसाद गुप्ता, उमेश प्रसाद गुप्ता, आशीष प्रसाद गुप्ता, नवल प्रसाद गुप्ता, जोखन प्रसाद गुप्ता सहित कई लोग मौजूद थे.
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