लातेहार ़ बुधवार को सदर प्रखंड के जालिमखुर्द पंचायत के कई गांव के मजदूर खेती का सामान लेकर समाहरणालय पहुंचे और मनरेगा के तहत आम बागवानी में रुपये मांगने की शिकायत लेकर डीडीसी को आवेदन दिया. मजदूरों ने आवेदन में कहा है कि बागवानी योजना में सिर्फ सहायक और कनीय अभियंता द्वारा अवैध रूप से 10 प्रतिशत की मांग की जाती है. रुपया नहीं देने पर काम नहीं देने की धमकी दी जाती है. लेकिन योजना की स्वीकृति में सहायक और कनीय अभियंता का कोई रोल नहीं होता है. बावजूद इसके मजदूरों द्वारा दोनों अधिकारियों पर लगाया गया आरोप कितना सच है यह तो जांच का विषय है. जालिमखुर्द पंचायत के गोवा व उदयपुरा गांव के आम बागवानी के लाभुक और मजदूर के समाहरणालय पहुंचने की जानकारी मुखिया सुनीता देवी को मिली. मुखिया अविलंब समाहरणालय पहुंची और देखा की कई मजदूर हाथ में कुदाल और गइता लेकर खड़े हैं. मुखिया ने मजदूरों से पूछा की आपको क्या परेशानी है तो मजदूरों ने बताया कि वह सभी विकास सोनी के कहने पर और उसके कार से कुदाल और गइता लेकर समाहरणालय पहुंचे हैं. मुखिया ने सभी को समझाया की प्रखंड में योजना के नाम पर कोई अवैध रुपये की मांग करता है तो इसकी शिकायत आप लोग मुझसे कर सकते हैं. इसके बाद सभी को विकास सोनी अपनी कार से तुरंत वापस ले गया. मुखिया ने कहा कि विकास सोनी खुद बिचौलिया गिरी का काम करता है. उसने मजदूरों काे बहला-फुसला कर समाहरणालय लाया है. उन्होंने कहा विभाग के अभियंता क्या सिर्फ चार लाभुकाें से ही 10 प्रतिशत की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी खेती-बारी करने का समय है और सभी लोग अपने-अपने खेत में काम कर रहे थे. खेत से काम करने के दौरान सभी को कुदाल और गइता के साथ विकास लाया था और सहायक और कनीय अभियंता पर बेवजह आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रखंड कार्यालय के किसी खास पदाधिकारी के इशारे पर यह सब किया गया है.
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