किस्को. बच्चों की शिक्षा से जोड़ने और पोषण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित मिड-डे मील योजना किस्को प्रखंड के 69 स्कूलों में संकट के दौर से गुजर रही है. पिछले चार महीनों से इन स्कूलों को कुकिंग कोष की राशि नहीं मिली है, जिससे करीब 30 लाख रुपये बैंक की लापरवाही के कारण लैप्स हो गये हैं. सूत्रों के अनुसार, सरकार द्वारा हर तीन महीने पर कुकिंग कोष की राशि प्रखंड एसएनए खाते में भेजी जाती है, जहां से यह राशि विभिन्न विद्यालयों के सरस्वती वाहिनी माता समिति के खातों में स्थानांतरित की जाती है. इसके लिए एमडीएम सेल द्वारा सभी स्कूलों की सूची संबंधित बैंक को समय पर भेजी गयी थी. 31 मार्च तक राशि ट्रांसफर की जानी थी, लेकिन बैंक ने टेक्निकल इश्यू का हवाला देकर भुगतान नहीं किया, जिससे निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद सारी राशि लैप्स हो गयी. विद्यालयों को अंतिम बार दिसंबर 2024 तक की राशि दी गयी थी, जबकि दिसंबर के बाद की राशि मार्च 2025 में दी जानी थी. अब कहा जा रहा है कि तीन महीने के बाद फिर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी. इस बीच कई विद्यालय उधारी लेकर मध्याह्न भोजन चला रहे हैं, लेकिन अब दुकानों से उधार मिलना भी बंद हो गया है. इससे शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. शिक्षकों ने बताया कि सरकार की ओर से एफसीआइ के माध्यम से खाद्यान्न तो मिल जाता है, लेकिन मसाले और अन्य पोषक आहार के लिए प्रति छात्र के हिसाब से मिलने वाली कुकिंग कोष की राशि ही मुख्य आधार होती है. यही राशि न मिलने से स्कूलों में पोषाहार की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.
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