हेमंत सरकार पर संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी का आरोप

आदिवासी समन्वय समिति लोहरदगा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार पर आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी और सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है.

By DEEPAK | June 3, 2025 10:34 PM
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प्रतिनिधि, लोहरदगा आदिवासी समन्वय समिति लोहरदगा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार पर आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी और सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. समिति के अध्यक्ष अरविंद उरांव और जिला राजी पड़हा लक्ष्मी नारायण भगत बेल ने उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को नौ बिंदुओं वाला ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया कि राँची के सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना पूजा स्थल का अतिक्रमण कर वहां पुलिस बल ने जबरन रैंप उतारा. इससे सरहुल पर्व की झांकियों और सांस्कृतिक जुलूस का स्वरूप बिगड़ गया. यह स्थल एशिया में सरहुल जुलूस के लिए पांचवें स्थान पर है. सरकार के इस कदम का आदिवासी समाज ने विरोध किया, लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की. बताया गया कि झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार को दो महीने में पेशा कानून 1996 को लागू करने का निर्देश दिया था. लेकिन आठ महीने बीतने के बाद भी इसे लागू नहीं किया. इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. कहा गया कि 11 नवंबर 2020 को विधानसभा से पास ट्राइबल सरना प्रस्ताव को राज्य के सभी सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों में लागू किया जाये. समिति ने राज्यपाल से मुख्यमंत्री की मनमानी पर रोक लगाने और संविधान की मूल संरचना की रक्षा के लिए हस्तक्षेप की अपील की है.

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