वन उत्पादों से मजबूत हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था, आजीविका का बना मुख्य आधार

वन उत्पादों से मजबूत हो रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था, आजीविका का बना मुख्य आधार

By SHAILESH AMBASHTHA | July 16, 2025 10:20 PM
an image

किस्को़ किस्को और पेशरार प्रखंड वन संपदा से समृद्ध क्षेत्र हैं. यहां के जंगलों में रहने वाले लोग अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह वनों पर निर्भर हैं. वे जंगलों से लकड़ी, फल, फूल, औषधीय पौधे और अन्य वन उत्पाद इकट्ठा कर बाजार में बेचते हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. यहां के ग्रामीण लाह, शहद, इमली, चिरौंजी, साल, महुआ, केंद, रुगड़ा, मशरूम, खजूर, झाड़ू और चटाई बनाने वाले उत्पादों को बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. गैर-लकड़ी वन उत्पाद इन क्षेत्रों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गये हैं. उग्रवाद प्रभावित इन इलाकों में रोजगार के अभाव के बावजूद लोग वनोत्पाद से होने वाली आमदनी से बच्चों को शिक्षा देने की सोच रखते हैं. वनों से प्राप्त औषधीय जड़ी-बूटियों जैसे गिलोई का उपयोग ग्रामीण परंपरागत चिकित्सा पद्धति में करते हैं. खाना पकाने और ठंड से बचाव के लिए ईंधन के रूप में लकड़ी का उपयोग किया जाता है. वहीं, घर, बाड़ और अन्य निर्माण कार्यों में भी इसका इस्तेमाल होता है. इन उत्पादों की ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अच्छी मांग है. वन उत्पाद आय के साधन हैं : वन उत्पाद ग्रामीणों के लिए भोजन, रोजगार और आय के साधन हैं. इनके संग्रह और बिक्री से लोगों को आर्थिक मदद मिलती है. वन संरक्षण से न सिर्फ पर्यावरण को लाभ होता है, बल्कि ग्रामीण समुदायों के लिए आजीविका के अवसर भी बढ़ते हैं. वनोत्पाद अब इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन चुके हैं.

संबंधित खबर और खबरें

यहां लोहरदगा न्यूज़ (Lohardaga News) , लोहरदगा हिंदी समाचार (Lohardaga News in Hindi), ताज़ा लोहरदगा समाचार (Latest Lohardaga Samachar), लोहरदगा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Lohardaga Politics News), लोहरदगा एजुकेशन न्यूज़ (Lohardaga Education News), लोहरदगा मौसम न्यूज़ (Lohardaga Weather News) और लोहरदगा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version