कुड़ू़ कुड़ू प्रखंड के नामुदाग सलगी स्थित प्राचीन शिव मंदिर महादेव मंडा श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन चुका है. यह मंदिर न केवल लोहरदगा जिले के विभिन्न प्रखंडों बल्कि रांची, चतरा, लातेहार, खुंटी, गुमला, सिमडेगा समेत अन्य प्रदेशों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. मान्यता है कि महादेव मंडा में अर्जी लगाने वाले श्रद्धालुओं की सभी मन्नतें पूरी होती हैं. कोई भी भक्त यहां से खाली हाथ नहीं लौटता. ग्रामीणों और पुरोहितों के अनुसार, यह मंदिर करीब सात दशक पुराना है. कहा जाता है कि बड़की चांपी गांव के बलकू महतो जंगल में मवेशी चराने ले जाते थे. एक गाय रोज झाड़ियों में चली जाती थी और लौटने पर दूध नहीं देती थी. निगरानी करने पर बलकू ने देखा कि गाय एक शिवलिंग पर दूध चढ़ा रही थी. रात में बलकू को सपने में भोले बाबा ने पूजा-अर्चना करने को कहा. अगले दिन से बलकू ने शिवलिंग की सफाई कर पूजा शुरू कर दी. धीरे-धीरे यह बात फैल गयी और आसपास के गांवों से श्रद्धालु आने लगे. श्रद्धालुओं के लिए हॉल और अन्य सुविधाएं भी : वर्ष 2004 में निवर्तमान विधायक स्व कमल किशोर भगत ने शंखनदी से जल लेकर 14 किमी पैदल यात्रा कर जलाभिषेक किया. इसके बाद दस वर्षों तक वे हर सावन में यह परंपरा निभाते रहे. सावन की अंतिम सोमवारी, मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि को यहां विशेष पूजा और भंडारा होता है. पर्यटन मंत्रालय की टीम ने यहां पहुंचकर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर डीपीआर भी तैयार किया. अब खपरैल से विशाल मंदिर बन चुका है. श्रद्धालुओं के लिए हॉल और अन्य सुविधाएं भी बनायी गयी हैं. यहां शादी-विवाह भी होते हैं. पिछले वर्ष चार दर्जन से अधिक विवाह हुए. यहां चंदवा लुकुइया मोड़, लोहरदगा शंखनदी मोड़, कुड़ू ब्लॉक मोड़, जीमा चौक, चीरी चौक से पहुंचा जा सकता है. महादेव मंडा अब श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह तैयार है.
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