करोड़ों की लागत से बना हैं भवन फोटो . प्रखंड सह अंचल कार्यालय कुड़ू फोटो.अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बना आवास कुड़ू. कुड़ू प्रखंड में आमजनों को सुगम प्रशासनिक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने तीन करोड़ रुपये की लागत से तीन मंजिला आवासीय भवनों का निर्माण कराया है. इन भवनों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है एक भवन अधिकारियों के लिए, दूसरा सामान्य कर्मचारियों के लिए, और तीसरा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के लिए. भवन निर्माण निगम द्वारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में इन आवासों का निर्माण किया गया है. हालांकि, आवासों का आवंटन हो चुका है, फिर भी अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी लोहरदगा या रांची से प्रतिदिन आना-जाना करते हैं. राज्य सरकार और जिला प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय में निवास सुनिश्चित करें, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. नतीजतन, करोड़ों की लागत से बने ये भवन धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. प्रखंड में कार्यरत कर्मियों में पंचायत सचिव, जनसेवक, रोजगार सेवक, बीपीओ, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, कंप्यूटर ऑपरेटर, लेखा सहायक, राजस्व कर्मचारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, पशुपालन विभाग के कर्मचारी आदि शामिल हैं. इनमें से कुछ ही कर्मचारी सरकारी आवास में रह रहे हैं, विशेषकर तृतीय और चतुर्थ वर्ग के. कर्मियों ने बताया कि आवासों में पेयजल की गंभीर समस्या है. कई भवनों में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे पीने के पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है. इस समस्या की जानकारी अधिकारियों को दी गई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला. प्रभारी बीडीओ सह सीओ मधुश्री मिश्रा का हाल ही में तबादला हो गया है. उन्होंने इस विषय पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. अब सबकी नजर उपायुक्त डॉ. कुमार ताराचंद पर है कि वे इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं. सरकारी आवासों का उद्देश्य अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना था ताकि आम जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह उद्देश्य अधूरा रह गया है.
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