
लोहरदगा. जिले में टीबी मुक्त पंचायत सम्मान समारोह का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति, लोहरदगा के तत्वावधान में नया नगर भवन में किया गया. इस कार्यक्रम का उदघाटन उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने किया. उन्होंने कहा कि यदि जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक पदाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करें, तो लोहरदगा जिला कुपोषण और गंभीर बीमारियों से मुक्त बन सकता है.
सात पंचायतों को मिली टीबी मुक्त घोषित होने की मान्यता लोहरदगा जिले की सात पंचायतों—गडरपो, बड़ागाई, मस्मनो, उरुमुरु, बड़कीचम्पी, परहेपाट एवं खरकी—को टीबी मुक्त घोषित किया गया। इन पंचायतों ने टीबी मुक्त पंचायत बनने के लिए निर्धारित सभी छह मापदंडों को पूरा किया है. इस उपलब्धि के लिए सभी पंचायतों के मुखियाओं को सम्मानित किया गया.टीबी उन्मूलन में सामूहिक प्रयासों की जरूरत
उप विकास आयुक्त ने कहा कि ग्रामीणों को टीबी के प्रति जागरूक करने के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा. लोहरदगा एक छोटा जिला है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य टीम की उपलब्धियां राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ सकती हैं। आने वाले समय में टीबी मुक्त पंचायतों की संख्या और बढ़ाई जानी चाहिए ताकि जिले को पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाया जा सके. स्वास्थ्य विभाग और समुदाय की सराहनीय भूमिकासिविल सर्जन ने बताया कि इस उपलब्धि में जिला यक्ष्मा विभाग, पीरामल स्वास्थ्य, जन प्रतिनिधि, ग्रामीणों, सहिया, एएनएम और जीएनएम का सहयोग सराहनीय रहा है. समारोह में आइटीडीए परियोजना निदेशक सुषमा नीलम सोरंग, अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी अंजना दास सहित कई पदाधिकारी, मुखिया और सहिया उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम ने टीबी उन्मूलन के प्रयासों को नई दिशा देने का काम किया और भविष्य में इस अभियान को और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
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