लोहरदगा. सदर प्रखंड के कुटुम में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में क्षेत्र के लोगों ने बेबाकी से अपनी समस्याओं को प्रभात खबर के साथ साझा करते हुए समस्या का त्वरित निदान करने की मांग की. ग्रामीणों ने विशेष कर जिला मुख्यालय को तीन प्रखंडों को जोड़ने वाली बमनडीहा कचहरी मोड भाया कुटुमू रोड निर्माण की मांग की. लोगों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों का लाइफ लाइन बन चुका बमनडीहा कचहरी मोड़ भाया कुटुमू रोड जर्जर हो गया है. इस सड़क में बड़ी वाहनों के साथ-साथ तीन प्रखंडों के लोगों का रोजाना आना जाना होता है. किंतु सड़क की बदहाल स्थिति के कारण लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. लोगों का कहना है कि शहर से सटे और जिला मुख्यालय से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुटुमु गांव का सर्वांगीण विकास नहीं हो सका है. शहरी क्षेत्र से सटे होने के बावजूद विभिन्न गली मोहल्ला में जहां लोग नए घर बनाकर रह रहे हैं घरों तक पहुंच पथ तक नहीं बन पाया है. नाली के अभाव के कारण घरों का गंदा पानी सड़कों पर जमा हो रहा है जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है. नगर पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. इस क्षेत्र को शहरी जलापूर्ति पाइप लाइन से जोड़ा नहीं गया है जिसके कारण लोगों को शुद्ध पीने की पानी की समस्या हो रही है. नगरपालिका द्वारा सफाई शुल्क के नाम पर पैसा लिया जाता है लेकिन नगर पालिका की गाड़ी सड़क किनारे होकर चली जाती है. जबकि कचरा लेने के लिए विभिन्न गली मोहल्ले में सफाई वाहन आना चाहिए. प्रभात खबर द्वारा आयोजित आपके द्वार कार्यक्रम में कूटमु निवासी लाल निरंजन नाथ शाहदेव ने बेबाकी के साथ कहा कि जिले के तीन प्रखंडों सदर प्रखंड, किस्को एवं पेशरार प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली बमनडीहा कचहरी मोड भाया कुटुमू रोड की सड़क बदहाल है. यह सड़क जिला मुख्यालय से मात्र लगभग 2000 मीटर की दूरी कचहरी मोड़ से अन्य प्रखंडों के विभिन्न गांवों को जोड़ती है. लेकिन सड़क मरम्मत के अभाव में बेकार साबित हो रहा है. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिसके कारण आवागमन करना दुर्घटना को आमंत्रित करने जैसा है. इस सड़क का निर्माण 2009-10 में ग्रामीण विकास कार्य प्रमंडल लोहरदगा द्वारा कराया गया था. कुटमु गांव निवासी रविंद्र भगत ने कहा कि सड़क में बॉक्साइट ट्रकों से लेकर छोटे बड़े सभी वहां चलते हैं. चूंकि यह सड़क तीन प्रखंडों को जोड़ती है. बॉक्साइट ट्रकों के चलने के कारण सड़क जर्जर अवस्था में पहुंच गई. लेकिन इसकी मरम्मती को लेकर ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधि कभी संवेदनशील दिखे और न ही प्रशासनिक अधिकारी. जिसके कारण सड़क की स्थिति बदहाल हो गयी. आज स्थिति यह है कि इस सड़क में चलने वाले लोग स्वयं को विवश समझते हैं, चूंकि यह सड़क ग्रामीण इलाकों की लाइफ लाइन है. जिसके कारण मजबूरन इस रास्ते पर चलते हैं. सदर प्रखंड के कूटमु, ब्रह्मांडीहा, निगनी, कुरैशी मोहल्ला, जोरी सहित किस्को प्रखंड के विभिन्न गांवों एवं सुदूरवर्ती पेशरार से जिला मुख्यालय या लोहरदगा पहुंचने वालों के लिए मुख्य सड़क है. सड़क की मरम्मत को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय प्रशासन को अवगत भी कराया गया. लेकिन इसकी मरम्मत को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गयी. बमनडीहा गांव निवासी परेश कुंवर ने कहा कि पेशरार जैसे उग्रवाद प्रभावित इलाके में अभियान के क्रम में पुलिस अधिकारी एवं जवान इसी सड़क का उपयोग कर पेशरार के लिए रवाना होते हैं, बावजूद इसके कभी भी इस सड़क की मरम्मती या जीर्णोद्धार को लेकर कोई संवेदनशील नहीं हुआ. स्थिति यह है कि सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे के बीच लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं. लगभग 2 किलोमीटर सड़क में कहीं ऐसा जगह नहीं है जहां लोग 100 फीट की दूरी भी बगैर गड्ढों के चल सकते हैं. कुटमु गांव निवासी सह रिटायर पुलिसकर्मी शुकरु उरांव ने कहा कि शहरी क्षेत्र से सटे होने के बावजूद यह सड़क का निर्माण नहीं कराया जाना जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का उदाहरण है.
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