किस्को. प्रखंड क्षेत्र के पेशरार-लोहरदगा मुख्य सड़क पर इमली चौक से चंदकोपा, गांगुपारा होते हुए बगड़ू तक अवैध रूप से बनाये गये 26 स्पीड ब्रेकर (ठोकर) अब मौत का कारण बन रहे हैं. बुधवार की सुबह बगड़ू गांव में मनरेगा के तहत खुदाई के दौरान एक मजदूर कुआं ध्वस्त होने से घायल हो गया, लेकिन समय पर उपचार न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गयी. स्थानीय लोगों ने बताया कि घायल मजदूर की सांस चल रही थी, लेकिन स्पीड ब्रेकरों की अधिकता के कारण एंबुलेंस को अस्पताल पहुंचने में आधे घंटे की देरी हुई, जिससे मजदूर की जान नहीं बच सकी. गांव की मुखिया रानी मिंज ने बताया कि ठोकर को हटाने की मांग कई बार जिला प्रशासन से की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया. उप प्रमुख गीता देवी ने भी प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ठोकर ने एंबुलेंस को रोका और मजदूर की जान ले ली. अब लोग गुस्से में हैं. समाजसेवी मुस्ताक अहमद ने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा, अगर ये अवैध ठोकर न होते, तो मजदूर की जान बच सकती थी. लेकिन प्रशासन नींद में है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ठोकर नहीं हटाये गये, तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. यह मार्ग प्रखंड के दर्जनों गांवों के लोगों के लिए जिला मुख्यालय और अस्पताल तक पहुंचने का मुख्य जरिया है. ऐसे में यह मामला सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक असंवेदनशीलता की मिसाल बन गयी है.
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