लोहरदगा. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा लोहरदगा जिला की बैठक अवंतिका परिसर में हुई. बैठक में झारखंड आंदोलनकारियों को न्याय के साथ मान सम्मान, अलग पहचान, पुत्र पुत्रियों के रोजी रोजगार व नियोजन की गारंटी तथा जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए सभी को सम्मान पेंशन 50-50 हजार रुपये देने की मांग सरकार से की गयी. बैठक में रुस्तम खान के निधन पर शोक प्रस्ताव लाया गया. मौके पर मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को स्वाभिमान के साथ जीने का अधिकार सरकार दे. जो सरकार झारखंड आंदोलनकारी को राजकीय मान सम्मान नहीं दे सकती है, उसे सत्ता में एक मिनट भी बैठने का नैतिक अधिकार नहीं है. सरकार का संकल्प है .सभी आंदोलनकारियों को राजकीय मान सम्मान देने के लिए इसका पालन नहीं हो रहा है. बेलगाम शासन – प्रशासन झारखंड आंदोलनकारियों के संघर्ष और शहादत के इतिहास को धूमिल करने में लगे. झारखंड आंदोलनकारी अपने अस्तित्व एवं अस्मिता की रक्षा के लिए निकट भविष्य में एक आंदोलन और करने को आज बाध्य हो रही हैं .उन्होंने कहा कि लोहरदगा जिला बॉक्साइट माइंस के कारण पूरी तरह प्रदूषित और दारू के व्यापार के कारण गांव-गांव बदनाम हो रहा है. जिला माइंस फेडरेशन की राशि सदुपयोग का और दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है उपायुक्त इसका सही-सही मॉनिटरिंग करें. मौके पर जिला अध्यक्ष राम नंदन साहू ने कहा कि झारखंड अलग राज्य जिन मूल्यों को लेकर बना है वे सारे संवैधानिक मूल्य अधूरे हैं एवं झारखंड आंदोलनकारी उपेक्षित हैं, विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर है. रोजी रोजगार एवं नियोजन के अधिकारों से वंचित है. सारी सहित अन्य ने किया.
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