लोहरदगा. जिला यक्ष्मा कार्यालय परिसर में हिंडाल्को इंडस्ट्री लिमिटेड के सहयोग से टीबी मरीजों को अतिरिक्त पोषण सहायता के तहत 80 लाभुकों के बीच पोषण टोकरी का वितरण किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ एसएन चौधरी ने की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन इसके इलाज के साथ पोषणयुक्त आहार भी उतना ही जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत मरीजों को पोषण किट प्रदान की जा रही है, ताकि उनकी रिकवरी दर में तेजी आ सके. टीबी पर नियंत्रण के लिए जरूरी है संतुलित आहार सिविल सर्जन ने कहा कि मरीजों को दवा के साथ-साथ संतुलित भोजन भी मिले, इसके लिए सरकार और निजी संस्थाएं लगातार प्रयास कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पोषण टोकरी में दाल, चना, गुड़, बादाम और रिफाइंड तेल शामिल हैं, जो टीबी मरीजों के लिए लाभकारी हैं. टीबी मरीज अपनी नियमित जांच कराते रहें : डीटीओ जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ डीएन सिंह ने कहा कि टीबी मरीजों को समय-समय पर अपना वजन, हीमोग्लोबिन और बलगम की जांच कराते रहना चाहिए। दवा का समय पर सेवन और सरकारी योजनाओं की जानकारी से ही टीबी को जड़ से मिटाया जा सकता है। हिंडाल्को की सामाजिक भागीदारी सराहनीय : सीएस सीएस डॉ चौधरी ने हिंडाल्को इंडस्ट्री लिमिटेड के इस सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि निजी संस्थाएं अगर ऐसे ही जनहितकारी कार्यक्रमों में भागीदारी निभाएं, तो समाज से कई गंभीर बीमारियों का अंत संभव है.
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