किस्को. प्रखंड क्षेत्र में किसानों के खेतों में लगी गेंहू के फसल पानी के अभाव में मुरझाने लगे हैं. पानी सूखने के बाद बीते दिनों हुए हल्की बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे थे. परंतु धूप में फसल मुरझाने लगी है.रबी की लहलहाती फसलों को देखकर किसान काफी खुश नजर आ रहे थे. गेहूं और चने के जोरदार पैदावार की आशा में किसानों की उम्मीदें परवान पर देखने को मिल रही थी.जलाशयों में पानी लगभग सुख चुकी है.किसान मायूस नजर आ रहे हैं. जिन नदी व तालाब में गर्मी में भी पानी बहती रहती थी.वे भी सूखने के कगार पर पहुंच गये हैं. प्रखण्ड क्षेत्र में सैकड़ो एकड़ भूमि में किसानों ने भगवान भरोसे गेंहू का फसल लगाया है. यदि आने वाले दिनों में प्रकृति ने साथ नहीं दिया,.तो किसान कर्ज में डूब जायेंगे. प्रखण्ड क्षेत्र में सरकार द्वारा रबी फसल के पैदावार हेतु समुचित सिंचाई की व्यवस्था नहीं की गयी है.किसान तालाब,नदी एवं डैम के भरोसे सैकड़ों एकड़ में गेहूं की फसल बोए हुए हैं.गर्मी की आगमन के साथ ही नदी तालाब सूखने लगी है. अगर बारिश नहीं हुई तो गेहू की फसल पूरी तरह नष्ट हो जायेगी. किसानों का कहना है कि अभी तक तालाब व नदी से सिंचाई किया गया,परंतु अब जलाशय सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है. बीच बीच में बारिश होती रहे, तो गेंहू का उत्पादन कुछ हद तक हो सकेगा. पिछले कुछ सालों से लगातार हो रहे नुकसान से किसानों को राहत मिल सकेगी. लावागाई डैम निर्माण कार्य में अनियमितता बरते जाने से डैम में भी पानी का ठहराव नहीं हो पाने से पानी का अभाव देखने को मिल रही है. किसानों को चिंता सता रही है कि गर्मी के दिनों में गेहूं सिंचाई के लिए पानी कहां से लाया जायेगा. लगभग 25 एकड़ में गेहूं की फसल लगे हुए हैं.किसानों के सारे मेहनत में पानी फिरने की संभावना बन सकती है.वहीं पोगड़ो बांध के सहारे लगभग 50 एकड़ भूमि पर गेहूं की फसल लगायी गयी है. पिछले वर्ष लगातार हुए बारिश के कारण गेहूं की पैदावार बेहतर हुई थी.किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा सिंचाई की समुचित व्यवस्था करा दी जाये, तो 12 महीने बेहतर खेती हो सकेगी व किसान अपना आय बढ़ाने में समर्थ होंगे.
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