कुड़ू. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम ( मनरेगा) से मजदूरों का मोहभंग होता जा रहा है. मजदूरी मद में पिछले तीन माह से आवंटन नहीं मिलने के कारण प्रखंड के 14 पंचायतों में कार्य करने वाले लगभग 12 हजार मजदूरों का एक करोड़ रुपये से अधिक मजदूरी बकाया हो गया है. मजदूरी नहीं मिलने के कारण मजदूर मनरेगा से संचालित विकास योजनाओं में कार्य करने से कतरा रहे हैं. कई मजदूरों ने मनरेगा कर्मियों को काम नहीं करने तथा मजदूरी भुगतान जल्द कराने का अल्टीमेटम दिया है. बताया जाता है कि जनवरी माह में कुछ पंचायतों में मजदूरी मद में राशि का आवंटन केंद्र सरकार ने दिया था. जनवरी माह में कुछ-कुछ मजदूरों को मजदूरी का भुगतान किया गया. इसके बाद से मजदूरी मद में आवंटन नहीं मिल पाया है. मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूरों को 15 दिनों के भीतर आनलाइन मजदूरी भुगतान मजदूरों के खाता में किया जाता है.
बताया जाता है कि फरवरी, मार्च तथा 21 अप्रैल तक मनरेगा से संचालित विकास योजनाओं में कार्य करने वाले लगभग 12 हजार मजदुरो को मजदुरी नहीं मिल पाया है. 21 फरवरी से लेकर 21 अप्रैल तक मजदुरी मद में कुल बकाया एक करोड़ दो लाख 83 हजार एक सौ 61 रूपए बकाया है. इसमें 21 फरवरी से 25 मार्च तक 81 लाख 52 हजार एक सौ 98 रूपए तथा 26 मार्च से 21 अप्रैल तक 21 लाख 30 हजार 9 सौ 63 रूपए बकाया है. मजदुरी मद में आवंटन नहीं मिलने के कारण मजदुरो के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो रही है तथा मजदुर रोजगार के आभाव में पलायन करने को विवश हैं.
मजदुरी मद में आवंटन नहीं, कैसे समय पर पुर्ण होगा सिंचाई कुप खुदाई कार्य
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मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी नितलेन्द्र कुमार ने बताया कि जनवरी में कुछ आवंटन मिला था तथा कुछ-कुछ पंचायतों के मजदुरो का भुगतान किया गया था. फरवरी से 21 अप्रैल तक आवंटन नहीं मिलने के कारण लगभग एक करोड़ रुपए मजदूरी मद में बकाया हो गया है. आवंटन के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग को जानकारी दी गई है. आवंटन मिलने के बाद बकाया मजदुरी का भुगतान मजदुरो के बीच किया जायेगा.
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