लोहरदगा. यादव समाज ने हमेशा देश के लिए अपना रक्त दिया है. उक्त बातें झारखंड यादव महासभा के प्रांतीय संयोजक पीतांबर दास ने बुधवार को अखिल भारतीय यादव महासभा द्वारा अहीर रेजिमेंट गठन को लेकर कलश यात्रा समारोह के दौरान बीआइडी मोहल्ला के यादव सभागार भवन में कही. श्री दास ने कहा कि रेजांगला युद्ध में 120 यादवों ने 1300 चीनी सैनिकों से लोहा लेकर जान देकर चीनियों को पीछे किया. प्रांतीय यादव समाज के महासचिव नरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि यादव समाज की बहादुरी और वफादारी जग जाहिर है. 114 कुमाऊं रेजीमेंट अहीर कंपनी के नाम से जाना जाता था. रेजिमेंट गठन की मांगों को अभी तक सरकार ने पूरा नहीं किया है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. लोहरदगा जिलाध्यक्ष कविराज यादव ने समाज को शिक्षित, संगठित और देश की एकता के लिए एक होने का आह्वान किया. लोहरदगा प्रभारी रामचंद्र गोप ने कहा कि 18 नवंबर 1962 को भारत -चीन सीमा पर लड़ा गया युद्ध भारतीय सैन्य इतिहास में वीरता का प्रतीक बना हुआ है. यादवों के युद्ध कौशल को देखते हुए केंद्र सरकार अविलंब अहीर रेजिमेंट का गठन किया. बुलू गोप, सुरेश गोप, केदार गोप ने भी अपने विचार रखे. इससे पूर्व, कलश यात्रा में शामिल टीम का स्वागत शंख नदी के समीप स्वागत किया गया. कलश यात्रा टीम नगर भ्रमण करते हुए बीआइडी स्थित यादव सभागार पहुंची.
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