आक्रोश. कालाझोर के समीप परिजनों ने सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन मृतक के परिजन को तत्काल 20 हजार रुपये दिये जाने के बाद हटा जाम संवाददाता, पाकुड़. अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के भिलाई गांव निवासी 16 वर्षीय रंजीत हांसदा की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद शनिवार की सुबह ग्रामीणों और परिजनों ने सड़क पर शव रख अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया. दुमका-पाकुड़ मुख्य सड़क कालाझोर के समीप जाम कर दिया. युवक की मौत शुक्रवार को लिट्टीपाड़ा जाने के क्रम में चितलोफारम और बरमसिया के बीच अज्ञात वाहन की चपेट में आने से हुई थी. उसे गंभीर हालत में फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज दुमका ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों व ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रति जमकर आक्रोश व्यक्ति किया. शनिवार की सुबह करीब छह बजे से शुरू सड़क जाम से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गयी. इससे उमस भरी गर्मी में महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे घंटों तक परेशान रहे. कई यात्री जरूरी काम से सफर में थे, पर वह भी बेबस नजर आये. सड़क जाम की सूचना मिलने पर अमड़ापाड़ा के सीओ औसाफ अहमद खां, प्रभारी थाना प्रभारी सन्नी सुप्रभात, लिट्टीपाड़ा थाने के एसआइ अमित कुमार पंडित समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचे. इसके बाद मान मनौवल का दौर शुरू हुआ. परिजनों ने प्रशासन के समक्ष तीन प्रमुख मांगें रखी, जिसमें मृतक के माता-पिता को पेंशन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, तात्कालिक राहत के रूप में बीस हजार रुपये सहायता राशि, कोयला ढुलाई करने वाले डंपरों का परिचालन अमड़ापाड़ा-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर बंद करने की मांग शामिल थे. करीब पांच घंटे की बातचीत और समझाने के बाद परिजन मान गये. प्रशासन की ओर से तत्काल बीस हजार रुपये सहायता राशि दी गयी. इसमे स्थानीय विधायक हेमलाल मुर्मू के द्वारा प्रदान कराए गए दस हजार रुपये भी शामिल थे. इसके अलावा प्रशासन ने परिजनों को हरसंभव सरकारी सहायता दिलाने का भी आश्वासन दिया. लगभग ग्यारह बजे के आसपास सड़क यातायात के लिए खोल दिया गया. मौके पर सीओ एसआइ गाब्रिएल आइंद, एएसआइ प्रदीप कुमार राम सहित लिट्टीपाड़ा थाने के पुलिस बल मौजूद थे. इस घटना ने एक बार फिर से क्षेत्र में अनियंत्रित वाहन परिचालन और सड़क सुरक्षा की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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