नाराजगी. सीआइटीयू ने रैली निकाल सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन प्रतिनिधि, पाकुड़. ट्रेड यूनियन के आह्वान पर भारत बंद का असर पाकुड़ में नहीं देखने को मिला. जिले की सड़कों पर सामान्य दिनों की तरह वाहन चले. वहीं शहर में दुकानें भी खुली रही. हालांकि भारत बंद के समर्थन में कुछ राजनीतिक पार्टी सड़क पर विरोध करते नजर आयी. सीआइटीयू की ओर से रैली निकाल कर केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नितियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. रैली गांधी चौक से लेकर पार्क तक गयी, जहां नुकक्ड़ सभा में तब्दील हो गयी. रैली का नेतृत्व कर रहे सीआइटीयू के जिलाध्यक्ष नादेर हुसैन ने बताया कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर भारत बंद का किया गया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. मोदी सरकार द्वारा श्रम कानून में परिवर्तन कर चार लेबर कोड लाया गया है, जिससे कि पूरे हिंदुस्तान में मजदूरों में रोष व्याप्त है. सरकार के द्वारा इस प्रकार के निकाले गए कानून को वापस लेने की अपील की जा रही है. कहा कि मोदी की सरकार में मंगाई, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. इन सब चीजों पर मोदी सरकार का ध्यान नहीं है. किस प्रकार से सिर्फ कॉरपोरेट को मुनाफा हो सरकार यही चाहती है. इसके अलावा पत्थर व बीड़ी औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है. मालपहाड़ी क्षेत्र में कार्य ठप रहा. औद्योगिक क्षेत्र में मजदूरों के नीतियों के विरोध का प्रतिनिधित्व कर रहे माणिक दुबे ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र बंद है. बताया कि सरकार के द्वारा मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर इस प्रकार का बंद बुलाया गया है. मौके पर देवाशीष दत्त गुप्ता, रिजाउल करीम, गोपीन सोरेन, रामप्रवेश पासवान, मोजम अंसारी, शिवानी पाल, मुकुल भट्टाचार्य, सीखा कुनाई समेत अन्य मौजूद थे.
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