Home झारखण्ड पलामू रास्ता विहीन बालिका विद्यालय, शिक्षा की राह में बाधा

रास्ता विहीन बालिका विद्यालय, शिक्षा की राह में बाधा

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रास्ता विहीन बालिका विद्यालय, शिक्षा की राह में बाधा

अनुज, हैदरनगर बेटा-बेटी की समान शिक्षा की बातें भले ही मंचों पर जोर-शोर से कही जाती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश करती है. पलामू जिले के हैदरनगर में स्थित बालिका उच्च विद्यालय इन दिनों रास्ता के अभाव में उपेक्षा और संकट का दंश झेल रहा है.

भवन निर्माण तो हुआ, पर रास्ता अब भी सपना

विद्यालय की स्थापना समाज के शिक्षा प्रेमियों और दानदाताओं के सहयोग से हुई थी. एक स्थानीय व्यक्ति ने बालिका शिक्षा के उद्देश्य से ज़मीन दान दी, आम लोगों की मदद से भवन बना. मगर आज तक वहां सड़क या पहुंच मार्ग नहीं बन सका. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुनिधा कुमारी कहती हैं कि बरसात के समय छात्राओं को कीचड़ और पानी भरे खेतों से होकर स्कूल आना पड़ता है. कई छात्राएं तो बरसात के दिनों में स्कूल जाना ही छोड़ देती हैं.

छात्राओं की संख्या में भारी गिरावट, भविष्य अधर में

विद्यालय की छात्रा श्वेता कुमारी ने इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में 482 अंक प्राप्त कर जिला में तृतीय स्थान प्राप्त किया है, जिससे विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता का प्रमाण मिलता है. फिर भी, केवल रास्ता न होने के कारण छात्राओं की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है.प्रधानाध्यापिका का कहना है कि अगर जल्द ही रास्ता नहीं बना, तो विद्यालय में ताला लगना तय है.

शासन-प्रशासन मौन, जनप्रतिनिधि निष्क्रिय

विद्यालय प्रबंधन ने कई बार शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को पत्राचार किया, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गयी. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस ओर कोई प्रयास नहीं किया. यह स्थिति न केवल बालिका शिक्षा के लिए विडंबनात्मक है, बल्कि सरकारी प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े करती है.

वर्ष छात्राओं की संख्या

2012 405

2013 413

2014 412

2021 153

2022 216

2023 151

2024 145

2025 सिर्फ 37

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