बाबा शिबू सोरेन संथाली समाज को जागरूक करने वालों का हौसला बढ़ाते, नौकरी देने वाला बनने की नसीहत देते

बाबा शिबू सोरेन संथाली समाज को जागरूक करने वालों का हौसला बढ़ाते, नौकरी देने वाला बनने की नसीहत देते

By SHAILESH AMBASHTHA | August 5, 2025 9:51 PM
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शिबू सोरेन के बचपन के दोस्त काशीनाथ बेदिया मंगलवार सुबह नौ बजे ही नेमरा गांव पहुंच गये थे. ठेकानाला दाह संस्कार स्थल पर सुबह से ही जाकर बैठे हुए थे, आंखे नम थी. कभी खड़ा तो घंटों जमीन पर बैठ जाते. दोपहर 12 बजे के बरीब बातचीत में बताया कि बरलंगा स्कूल में शिबू सोरेन के साथ पढ़ाई करते थे. इसके बाद बरलंगा से गोला स्कूल में पढ़ाई के लिए शिबू सोरेन चले गये. उनके बड़े भाई राजाराम मैट्रीक टेस्ट परीक्षा में बेहतर अंक लाये थे. पिता सोबरन मांझी इस खुशी में उनके लिए नास्ता लेकर जा रहे थे. उस समय टाटा-बरकाकाना ट्रेन चला करता था. जिससे शिबू सोरेन के पिता गोला स्कूल आ रहे थे. जब उनकी हत्या हो गयी तो कुछ दिनों के लिए छात्रावास में रहना छोड़ दिये. एक ही कमरा में वर्षो साथ रहने की पुरानी बाते अभी खुब याद आ रही है. यह बाेलकर रोने लगे.

रंगकर्मी मुन्ना लोहरा भी थे मर्माहत

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