भुरकुंडा. भुरकुंडा कोयलांचल का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कोलियरी का उत्पादन ठप हो गया है. बलकुदरा खुली खदान में पानी घुस जाने के कारण कोयला डिस्पैच भी शून्य रहा. इस खदान से रोजाना तीन हजार टन कोयले का उत्पादन होता था. उत्पादित कोयला सौंदा बी साइडिंग भेजा जाता था. खदान में पानी भर जाने के कारण गुरुवार को उत्पादन ठप रहा. पूर्व से उत्पादित कोयले को भी साइडिंग नहीं भेजा जा सका. खदानों व परियोजना कार्यालय में भी कर्मियों की उपस्थिति अन्य दिनों की अपेक्षा काफी कम रही. नलकारी नदी का जलस्तर बढ़ने से श्मशान घाट डूब गया. सौंदा दोमुहानी पर जलस्तर बढ़ने से जलापूर्ति पंप डूब गया. इससे पांच पंचायतों पटेल नगर, सुंदरनगर, भुरकुंडा, जवाहर नगर व कुरसे की जलापूर्ति ठप हो गयी है. बासल थाना क्षेत्र में कई पुलिया को नुकसान पहुंचा है. पटेल नगर में कैथोलिक आश्रम स्कूल के पास 11 हजार वोल्ट का तार गिर जाने से संबंधित इलाके की बिजली गुल है. दूसरी ओर, पावर हाउस कॉलोनी में सुंदरी देवी का मिट्टी का घर ढह गया. सुंदरी के पति दिहाड़ी मजदूर हैं. सुंदरनगर चौक व आसपास का इलाका बारिश के कारण जलमग्न हो गया. सड़क पर घुटने तक बह रहा था पानी : सुबह करीब 10 बजे तक सुंदरनगर चौक से भुरकुंडा रेलवे स्टेशन, रामगढ़-पतरातू फोरलेन व बिरसा चौक जाने वाला रास्ता बाधित रहा. सड़क पर घुटने तक पानी बह रहा था. यह स्थिति सुंदरनगर त्रिपाठी स्कूल के समीप बहने वाले नाले में आये उफान के कारण बनी थी. पावन क्रूस स्कूल मैदान में पानी भर जाने के कारण फाटक खोल दिया गया. इससे नाले के ऊपर से पानी बहने लगा. इसके कारण सुंदरनगर के नवनिर्मित पुल में भी पानी उफान मार रहा था. नये पुल की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण अन्य वर्षों की तरह पुल के ऊपर से तो पानी नहीं गुजरा, लेकिन पुल का दोनों छोर पर पहुंच पथ से पानी आर-पार बह रहा था. इधर, भुरकुंडा बाजार में व्यवसाय काफी प्रभावित रहा. ज्यादातर दुकानें नहीं खुली. खरीदार भी बहुत कम पहुंचे. सब्जी बाजार में भी इसका असर दिखा.
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