रजरप्पा. जब अधिकांश बच्चे अपने शैक्षणिक और करियर की तलाश में रहते है, उस दौरान 17 वर्षीय शुभांशी चक्रवर्ती ने पास्ट इज फॉरवर्ड पुस्तक लिखकर इतिहास रच दी. आइआइसी सभागार नयी दिल्ली में शनिवार शाम को शुभांशी के इस पुस्तक का विमोचन राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने किया. उन्होंने कहा कि शुभांशी को जितनी भी बधाई दूं, वह कम है. इतनी कम उम्र में अत्यंत प्रतिभाशाली लेखन जो सृष्टि पर उत्पन्न जो चुनौतियां है, उसका सामना करने के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी. यह पुस्तक सृष्टि, प्रकृति के सामने बढ़ती चुनौतियों से पार पाने में भारती परंपरा में मौजूद प्रणालियों पर बात करती है. अतीत को वर्तमान एवं वर्तमान को भविष्य से जोड़ती है. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है की शुभांशी का जन्म झारखंड के रजरप्पा में हुआ है. पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में मेजर जनरल जीडी बख्शी, भास्कर चटर्जी, गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के पूर्व डीजी लिलाधर मंडलोइ शामिल थे. बताते चले कि शुभांशी दूरदर्शी कथाकार व पर्यावरणविद है. यह सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति अपने परिवार की प्रतिबद्धता से प्रभावित है.
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