19बीएचयू0008-वाहन से कार्यालय से बाहर जाती सीबीआइ टीम. सीसीएल के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कंप. नप सकते हैं कई लोग. उरीमारी. सीसीएल के बरका-सयाल एरिया में 10 दिन के अंदर सीबीआइ ने दूसरी बार रेड किया है. इससे पूर्व 10 मई को सीएमपीएफ से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में मिली शिकायत पर सीबीआइ ने दो क्लर्क को रंगे हाथ दबोचा था. दो दिनों तक एरिया में ही रखकर पूछताछ के बाद सीबीआइ की टीम दोनों क्लर्क को अपने साथ ले गयी थी. यह मामला अभी चर्चा में ही चल रहा था, तब तक सीबीआइ की सोमवार को दूसरी बड़ी कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. सोमवार की कार्रवाई सेल्स, रोड सेल, कांटा घर से होनेवाले भ्रष्टाचार से जुड़ी है. जिससे यह मामला काफी बड़ा हो गया है. जीएम ऑफिस के सेल्स डिपार्टमेंट समेत तीन बड़ी परियोजना कार्यालयों में में एक साथ रेड होने के कारण इसका दायरा काफी बड़ा हो गया है. जिससे यह संभावना है कि इस मामले में कई अधिकारी व कर्मचारी लपेटे में आ सकते हैं. दरअसल, रोड सेल व कांटा घर शुरू से ही कोयला क्षेत्र में बदनाम रहा है. कहा जाता है कि कोयले की हेराफेरी इन्हीं दो जगहाें से होती है. रोड सेल में कोयले की ग्रेडिंग बदलकर व कांटा घर में वजन में हेराफेरी कर सीसीएल को करोड़ों का चूना लगाया जाता है. इस काम से डीओ होल्डर, लिफ्टर, सेल समिति तो सीधे तौर पर मालामाल होते ही हैं, साथ ही सेल व कांटा घर से संबंधित अधिकारी व कर्मचारी भी लाभान्वित होते हैं. यही कारण है सेल व कांटा घर में पोस्टिंग कराने के लिए ऊंची पैरवी चलती है. इन दोनों कार्यस्थलों पर काम करने वाले सीसीएल के अधिकारी व कर्मचारियों का पद संवेदनशील माना जाता है. इसलिए इनकी नियमित अंतराल पर बदली भी होती रहती है. इन जगहों पर भ्रष्टाचार की आवाज दबाने के लिए एक प्राइवेट मैनेजेबुल कमेटी मौजूद होती है, जो सबको मैनेज करती है. यही कारण है कि सीबीआइ की रेड में विजिलेंस की टीम भी शामिल है.
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