मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खाने में क्या है पसंद, आज भी उनके परिजन जीते हैं सादा जीवन, देखें वीडियो
Hemant Soren: प्रभात खबर की टीम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंची. इस दौरान उनके परिजनों की लाइफ स्टाइल जानने की कोशिश की. बातचीत के दौरान पता चला कि सीएम को अपनी चाची के हाथ का बना साग भात खूब पसंद आता है.
By Mahima Singh | November 18, 2024 10:05 AM
रामगढ़ : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को अपनी चाची के हाथ का बना साग-भात खूब भाता है. खासकर वह खाना अगर मिट्टी के बर्तन में बना हो. हेमंत सोरेन पूरे चाव से खाते हैं. शिबू सोरेन परिवार का अपने गांव में आना-जाना लगा रहा है. उनके आने का परिजनों और लोगों को इंतजार रहता है. इस मौके पर घर के लोग हर किसी की पसंद का सादा खाना बनाते हैं. प्रभात खबर को हेमंत की खास पसंद की जानकारी उनकी चाची और शिबू सोरेन के भाई शंकर सोरेन की पत्नी दिगमुनी देवी ने दी. प्रभात खबर अपनी चुनावी यात्रा के क्रम में शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचा. रामगढ़ जिले के इस गांव से शिबू सोरेन के आंदोलन और राजनीतिक सफर की कई यादें जुड़ी हैं. प्रभात खबर ने शिबू के परिवार और गांव के लोगों से कई मुद्दों पर बात की.
मुख्यमंत्री के परिजन जीते हैं सादा जीवन
इस मौके पर हेमंत सोरेन के पैतृक घर में रहनेवाली चाची ने अपनी रसोई भी दिखायी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चाची और उनके परिजन बहुत ही सामान्य जीवन जीते हैं. आम घरों की तरह उनका रहन-सहन है. पूरे गांव को गर्व है कि उनके बीच का दो-दो शख्स मुख्यमंत्री बना. पहले शिबू सोरेन और बाद में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. हेमंत सोरेन की चाची से कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हुई. उनसे हेमंत सोरेन की पसंद और गांव में उनके आने-जाने के प्रसंग से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ.
ढेकी का कूटा चावल पसंद करते हैं हेमंत
हेमंत सोरेन की चाची ने बताया कि हेमंत सोरेन को मिट्टी के बर्तन में बना साग-भात बहुत पसंद है. हेमंत सोरेन शाकाहारी हैं. जब भी गांव में आते हैं, तो ढेकी का कूटा हुआ चावल पसंद करते हैं. चाची भी बड़े प्यार से खिलाती है. वह बताती हैं कि हेमंत जब खटिया पर उलटते थे, तब से देख रहीं हैं. उसकी पसंद-नापसंद सब पता है. वह कहतीं हैं कि पूरा परिवार रांची में रहता है, जब भी मौका मिलता है, तो हम सब भी मिलने जाते हैं. यह पूछने पर कि शिबू सोरेन पिछली बार कब आये, तो चाची ने बताया कि अब उनकी तबीयत खराब रहती है. इसलिए हम लोग मिलने जाते हैं.
चाची बोलीं- मेरा बेटा फिर जीतेगा
प्रभात खबर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की चाची से आग्रह किया कि वह अपनी रसोई भी हमें दिखायें, तो वह संवाददाता को अपनी रसोई में लेकर गयीं. चाची ने दाल-भात और कद्दू की सब्जी बनायी थी. चाची को पता है कि इन दिनों झारखंड में विधानसभा चुनाव चल रहा है. हेमंत सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी बहू कल्पना सोरेन भी. प्रभात खबर से बातचीत के क्रम में चाची ने दोनों को जीत बधाई भी दी और कहा कि मेरा बेटा फिर जीतेगा.
इधर, प्रभात खबर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गांव में विकास और समस्याओं के बारे में भी जानने की कोशिश की. इस क्रम में गांव में रहनेवाले कई लोगों से बातचीत की. गांव के लोग चुनावी हलचल से दूर अपने सामान्य काम-काज में लगे हुए थे. गांव के लोगों को गर्व है कि यहां की माटी का बेटा झारखंड राज्य का मुख्यमंत्री बना है. गांव को उम्मीद है कि हेमंत सोरेन फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. गांव के सुरेश किस्कू ने बताया कि अभी पानी की थोड़ी समस्या है. रूपलाल सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे, तो उनको कहेंगे कि वह गांव में फुटबॉल ग्राउंड बनवा दें. गांव के लोगों ने बताया कि वह लोग किस तरह सोहराई और सरहुल का पर्व मनाते हैं. उनको याद है कि शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन पर्व-त्योहार में आते थे, तो जमकर मांदर बजाते थे. चुनाव में हेमंत सोरेन की जीत पर उत्सव की तैयारी हो रही है. मांदर और ढोल ठीक किये जा रहे हैं.
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