रजरप्पा. भारतीय उद्यमी सह पूर्व मिस एशिया टूरिज्म यूनिवर्स तान्या मित्तल मंगलवार को रजरप्पा मंदिर पहुंची. उन्होंने मां छिन्नमस्तिके देवी की पूजा-अर्चना कर मत्था टेका. नारियल बलि देकर रक्षा सूत्र बंधवाया. उन्होंने प्रभात खबर से कहा कि झारखंड खूबसूरती से भरा हुआ है, लेकिन इसकी पहचान अभी मानस पटल पर नहीं है. झारखंड में जलप्रपात, घाटियां, जंगल, धार्मिक स्थल सहित प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है, लेकिन कई राज्यों और देश-विदेश के लोग इससे वाकिफ नहीं हैं. आज भी दूसरे प्रदेश के लोग इसे बिहार ही समझते हैं और यहां के प्रति एक अलग सोच रखते हैं. झारखंड संतों की तपोभूमि है. यहां के लोग मंदिर के अंदर मूर्ति की पूजा करते है और बाहर में प्रकृति की रक्षा और पूजा करते हैं. इस राज्य के आदिवासी सहित सभी लोग अच्छे हैं. झारखंड के जंगलों में हमने भ्रमण किया. रांची में रात दस बजे वॉक पर निकली. हमें कहीं भी कोई परेशानी नहीं हुई. सही मायने में झारखंड यूनिक प्रदेश है और यह भारत के जड़ों से जुड़ा हुआ है. झारखंड के लोगों द्वारा जोहार शब्द से लोगों का अभिवादन करना दिल को छू लेता है. यहां के लोगों में अपनापन है. हमें बॉलीवुड से कई ऑफर मिले हैं, लेकिन हमने वहां जाना पसंद नहीं किया. उन्होंने कहा कि झारखंड शीघ्र ही पर्यटन और फिल्म हब बनेगा. इसके लिए पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार की पहल इस दिशा में सराहनीय है. उधर, पूजा-अर्चना के पश्चात उन्होंने पुजारी शुभाशीष पंडा, सोनू पंडा, छोटू पंडा से मंदिर की महत्ता और विशेषता की जानकारी ली. मां देउड़ी व मां छिन्नमस्तिके की महिमा अपरंपार : तान्या मित्तल ने कहा कि वह पूजा-अर्चना करने के लिए देउड़ी मंदिर गयी थी. हमें यहां मां की शक्ति की अलग अनुभूति हुई. पिछले दस साल से कई कार्य रुके हुए थे. इसके लिए हम देश के सभी मंदिरों में गये. देउड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करते ही महज तीन घंटे बाद ही फोन आया और वह काम पूरा हो गया.
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