::: मुआवजा को लेकर परियोजना कार्यालय के कैंटीन परिसर में जिला प्रशासन की मौजूदगी में जारी थी वार्ता ::::पीओ कार्यालय के समक्ष शव रख कर ग्रामीण कर रहे हैं प्रदर्शन :::बारिश को लेकर प्रबंधन ने कोयला निकालने का काम किया था बंद धनेश्वर प्रसाद, प्रदीप, कुजू मांडू प्रखंड अंतर्गत सीसीएल कुजू क्षेत्र की करमा परियोजना क्षेत्र में शनिवार सुबह अवैध कोयला उत्खनन के दौरान चाल धंसने से चार लोगों की मौत हो गयी. मिली जानकारी के अनुसार, कोयला खनन को लेकर लोग उत्खनन स्थल पहुंचे थे. कोयला निकालते समय ऊपर से मलबा का बड़ा हिस्सा उन पर गिर गया. इसमें कुछ लोग हल्के रूप से दब गये, लेकिन मलबे में रामेश्वर मांझी पूरी तरह दब गया. परिजन को जानकारी मिलने पर घटनास्थल आकर रामेश्वर के शव को निकाला गया. इस घटना की जानकारी क्षेत्र में आग की तरह फैल गयी. इसके बाद ग्रामीणों ने परियोजना की जेसीबी और शॉवेल मशीन के सहारे अन्य शव को बाहर निकाला. परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था पर उठता रहा है सवाल : घटना के बाद दिन भर लोगों के बीच परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता रहा. लोगों का कहना था कि खदान सीसीएल की है, तो परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था कहां थी. आखिरकार, अनधिकृत क्षेत्र में लोग कैसे घुस जाते हैं. उनके प्रति कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है. अगर समय -समय पर कार्रवाई होती, तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती. कहीं कोयला चोरी का खेल तो नहीं : घटना स्थल के ठीक बगल स्थित महुआटुंगरी में तस्करों द्वारा अवैध मुहाना बना कर उत्खनन कार्य किया जा रहा है. कहीं, तस्करों ने तो परियोजना प्रबंधन के सुरक्षा विभाग से मिल कर कोयला चोरी के लिए उक्त लोगों को खनन के लिए लगाया तो नहीं था. मुहाने के अंदर कार्य के दौरान पूर्व में भी घटना हो चुकी है, लेकिन मामला को ले देकर रफा -दफा किया जा चुका है. हालांकि, इस क्षेत्र में कोयला चोरी का कार्य जोरों पर है. उधर, परियोजना से सटे गांव के कुछ लोगों की जीविका कोयला बेच कर चलती है. कुछ लोगों ने तो इसे धंधा बना लिया है. वह लोग कोयला खनन कर उसे बोरे में भर कर कोयला तस्कर के पास बेचते हैं. पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं होना केवल सवाल बन कर रह गया है. मुआवजा राशि को लेकर होती रही नोंक-झोंक : मुआवजा राशि की मांग को लेकर परियोजना कार्यालय के कैंटीन परिसर में जिला प्रशासन की मौजूदगी में वार्ता हुई. इसमें आंदोलन कर रहे लोगों ने जब परियोजना प्रबंधन से आश्रित परिवार के लिए मुआवजा राशि और नौकरी की मांग रखी, तो प्रबंधन दस-दस हजार रुपये देने के लिए राजी हुआ. इस बात पर लोग उग्र हो गये और हंगामा करने लगे. इससे वार्ता विफल हो गयी. वार्ता में एसडीओ अनुराग तिवारी, सीडीपीओ परमेश्वर प्रसाद, विमल कुमार सिंह, पीओ रामेश्वर मुंडा, मैनेजर एसके सिंह के अलावा भाजपा के रंजीत पांडेय, कुंटू बाबू, राजीव जायसवाल, राजू चतुर्वेदी, विजय जायसवाल, राजीव जयसवाल, रतन प्रसाद, तोकेश सिंह, अशोक कुमार, झामुमो के राजकुमार महतो, मोहरलाल महतो, मुखिया खागेश्वर महतो, आजसू के जिप सदस्य तपेश्वर महतो, दिलीप दांगी, जदयू के जगदीश महतो, जेएलकेएम के रवि महतो के अलावा लीलावती देव, रूपा महतो, अनिता देवी, गुड्डी कुमारी, सीता देवी, सुलेखा देवी, प्रभु दयाल महतो, पोखलाल मुंडा, सुखदेव राम मुंडा सहित पुलिस के लोग उपस्थित थे. समाचार लिखे जाने तक वार्ता का दौर व आंदोलन जारी था. रोते -बिलखते रहे परिजन : जिन परिवार के सदस्यों की मौत हुई है, उनमें में से ऐसे कई लोग हैं, जो घर को चलाने वाले एकलौते सदस्य थे. उनके छोटे -छोटे बच्चे और परिवार के लोग हैं. वह लोग चिंतित हैं कि कमाने वाला ही व्यक्ति इस अब दुनिया में नहीं रहा. परिजनों का रो -रोकर बुरा हाल था. डीजीएमएस के नियमों का भी नहीं हो रहा है पालन : ग्रामीणों ने परियोजना प्रबंधन पर डीजीएमएस के नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि माइंस के अंतिम छोर में कम से कम आठ फीट की ऊंची दीवार से घेराबंदी, अनधिकृत रूप से ग्रामीणों के प्रवेश पर रोक, अवैध खनन कार्य के आसपास सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए थी. ग्रामीणों ने कहा कि इसका पालन नहीं करना प्रबंधन की लापरवाही है. बारिश को लेकर प्रबंधन ने कोयला निकालने का कार्य रखा था बंद : बताया जा रहा है कि परियोजना प्रबंधन द्वारा पूर्व में लगातार कोयला निकालने का कार्य किया जा रहा था. बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण प्रबंधन ने इस कार्य पर रोक लगा दी थी. इसका फायदा उठा कर लोग यहां से अनवरत रूप से कोयला निकालने के कार्य में लगे थे. बारिश में भी जमे रहे लोग : बारिश के बाद भी लोग परियोजना कार्यालय के मुख्य द्वार पर निर्मल मुंडा के शव को छोड़ कर अन्य तीन शव रख कर धरना -प्रदर्शन में लगे रहे. इस दौरान लोगों ने प्रबंधन पर मृतक परिवार के प्रति अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया. कहा कि प्रबंधन ने दस -दस हजार देने की बात कह कर गलत बात की है. हालांकि, मुखिया ने प्रबंधन से सभी परिवार को 50- 50 हजार देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन लोग नहीं माने और वार्ता से बाहर चले गये. उनका कहना था कि आश्रित परिवार को जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा. इधर, निर्मल के शव को लेकर लेकर लोग रामगढ़ सदर अस्पताल अंत्यपरीक्षण के लिए चले गये. डोजरिंग के नाम पर होती है सिर्फ खानापूर्ति : सीसीएल कुजू क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं में अभी भी धड़ल्ले से अवैध उत्खनन जारी है. सीसीएल के सुरक्षा विभाग द्वारा केवल खानापूर्ति के लिए अवैध मुहानों की डोजरिंग की जाती है. इसके कारण अवैध उत्खनन करने वाले लोग दोबारा उक्त मुहानों को खोल कर कोयला निकलते हैं. इससे इस तरह की घटना घटती है. कुछ दिनों के बाद सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिल कर कोयला माफिया फिर से अपना काम करने लगते हैं. इसके एवज में माफिया उन्हें प्रति माह नजराना के तौर पर मोटी राशि देते हैं. इधर, अवैध मुहानों को बंद करने को लेकर हर बार थाना व ओपी में आवेदन दिया जाता है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है. कार्रवाई करने पर अवैध उत्खनन करने वाले लोग व ग्रामीणों द्वारा प्रबंधन पर दबाव बनाने का प्रयास किया जाता है.
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