15 दिनों पहले आया था हाथियों का झुंड
यह घटना रामगढ़ वन प्रमंडल के सरवाहा चरही गांव के पास की है. जानकारी के अनुसार करीब 15 दिनों पहले हाथियों का झुंड बोकारो, बसंतपुर, चींची कला, करगी गांव होते हुए सरवाहा क्षेत्र में पहुंचा था. उसी समय एक हथिनी अपने झुंड से बिछड़ कर हजारीबाग-बरकाकाना रेलवे लाइन सरवाहा गांव के पास पहुंच गयी थी. रेलवे लाइन के पास हथिनी को देखते ही वन वनरक्षी ने रामगढ़ डीएफओ नितिश कुमार को इसकी सूचना दी. इसके बाद डीएफओ ने तत्काल हजारीबाग से बरकाकाना जाने वाले मालगाड़ी को दो घंटे के लिए रुकवा दिया.
झारखंड की ताजा खबरें यहां पढ़ें
बीते 3 सालों में हाथियों के हमले से 10 लोगों की मौत
रामगढ़ वन प्रमंडल में हाथियों ने खूब उत्पाद मचाया है. आंकड़ों के अनुसार बीते 3 सालों में 10 लोगों की मौत हाथी के हमले से हुई है.जबकि 23 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. वन विभाग ने इन मृतकों के आश्रितों को 41 लाख और घायलों को 12 लाख 11 हजार रुपये का मुआवजा दिया है. इसके अलावा कुल 1623 मामले फसल, मकान और पशुओं को नुकसान पहुंचाने का है. वन विभाग ने बीते तीन सालों में 77 लाख 7 हजार 700 रुपये मुआवजा दिया गया.
रामगढ़ में हाथियों के प्रवेश के लिये दो कॉरिडोर
रामगढ़ जिले में हाथियों के प्रवेश के लिये दो कॉरिडोर हे. पहला बोकारो जिले से हाथियों का झुंड बसंतपुर, चींची कला, करगी से एनएच 33 सरवाहा होते हुए बड़कागांव हजारीबाग की ओर आते-जाते हैं. दूसरा कॉरिडोर सिल्ली से गोला प्रखंड में प्रवेश करने के लिए है. सरगडीह से ऊपर बरगा क्षेत्र होते हुए औराडीह, संग्रामडीह, चेपादारू से सुतरी रकुआ होते हुए रजरप्पा तक जाते है. हाथियों का झुंड भटकने पर रजरप्पा नदी पार करके पेटरवार महुआ टांड तक जाते हैं. गोला प्रखंड के गांव व जंगलों में साल के 8 महीने तक हाथियों के झुंड का विचरण होता है.
इसे भी पढ़ें
दुस्साहस! रांची में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला, ASI ने दर्ज कराया केस
Ranchi News: ट्रैफिक अलर्ट! 10 जुलाई को इस रूट पर नहीं चलेंगे ऑटो, सुबह 8 बजे से वाहनों की नो एंट्री
Pahari Mandir: पहाड़ी मंदिर की मरम्मत का काम शुरू, भोलेनाथ की सेवा में श्रमदान कर रहीं पाहन महिलायें