
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने झाविमो का भाजपा में विलय को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मंजूरी देने के आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई की तथा आग्रह स्वीकार करते हुए मामले में प्रतिवादी बनाने की अनुमति प्रदान की. अब अदालत इस मामले की सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद करेगी.
इससे पूर्व हस्तक्षेप याचिका दायर कर बाबूलाल मरांडी ने मामले में प्रतिवादी बनाने की अनुमति देने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.प्रदीप यादव ने याचिका दायर की
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी प्रदीप यादव ने याचिका दायर की है. मार्च 2020 में निर्वाचन आयोग ने पत्र जारी किया था. आयोग ने झाविमो के अस्तित्व को समाप्त मानते हुए उसके चुनाव चिह्न कंघी छाप को जब्त कर लिया था. आयोग के मुताबिक तत्कालीन झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने एक पत्र के माध्यम से इस संबंध में सूचित किया था कि संगठन का विलय भाजपा में कर दिया गया है. बाबूलाल मरांडी के इस फैसले का विरोध करते हुए दो विधायक बंधु तिर्की व प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गये थे. प्रदीप यादव ने इस विलय को चुनाैती देते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है