साहिबगंज. साहिबगंज कॉलेज में मंगलवार को 12वीं कक्षा के दर्जनों छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्राचार्य डॉ एसआरआइ रिज़वी का घेराव किया. पढ़ाई इसी कॉलेज में पूरी करने की मांग की. छात्रों की शिकायत पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सह संथाल परगना क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक दुर्गानंद झा कॉलेज पहुंचे. छात्रों ने आग्रह किया कि उन्हें मौजूदा सत्र तक यहीं पढ़ने दिया जाये. परंतु डीइओ ने स्पष्ट किया कि यह राज्य सरकार का निर्णय है, जिसका पालन अनिवार्य है. राज्य सरकार ने झारखंड हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने का फैसला लिया है. इसके तहत 2024-26 सत्र से इन कॉलेजों में 11वीं में नामांकन पूरी तरह बंद कर दिया गया है और 12वीं के छात्रों को 5 किमी के दायरे में स्थित प्लस टू स्कूलों या मान्यता प्राप्त इंटर कॉलेजों में स्थानांतरित किया जा रहा है. साहिबगंज कॉलेज में वर्तमान में इंटर के 850 और बरहरवा स्थित बीएसके कॉलेज में 550 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. इन सभी छात्रों को स्थानांतरण के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जा रही है. मौके पर इग्नू समन्वयक ध्रुव ज्योति सिंह, पूर्व छात्र नायक मनोहर टुडू, छात्र नायक श्रीलाल मुर्मू, छात्र सचिव संदीप मुर्मू, रामराज्य सोरेन सहित कई छात्र-छात्रा उपस्थित थे. अंगीभूत कॉलेजों से क्यों हो रही है इंटर की पढ़ाई बंद इस निर्णय का कारण UGC का वर्ष 2010 में जारी वह निर्देश है, जिसमें कहा गया था कि इंटर की पढ़ाई कॉलेजों में उच्च शिक्षा की परिभाषा में नहीं आती. 2023 में झारखंड शिक्षा विभाग ने भी विश्वविद्यालयों को इंटर की पढ़ाई बंद करने या अलग संबद्धता लेने का निर्देश दिया था. प्रदर्शन के दौरान आदिवासी कल्याण छात्रावास के छात्रों ने डीईओ को ज्ञापन सौंपा और साहिबगंज कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बहाल करने की मांग की. डीइओ ने आश्वासन दिया कि छात्रों की बातों को जैक की बैठक में रखा जायेगा.
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