मोतियों का माला बेचने निकला था रंजू
बीते 26 अप्रैल को रंजू गांव के एक अन्य युवक दीपक साह के साथ मोतियों का माला बेचने निकला था. दीपक साह माला बेच कर अपने घर लौट गया, लेकिन मृतक रंजू दो दिनों तक घर नहीं लौटा, जिसके बाद परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इस दौरान परिजन आसनबोना गांव पहुंच गये, जहां उन्हें ग्रामीणों से हत्या की जानकारी हुई.
परिजनों ने दर्ज करायी शिकायत
ग्रामीणों ने बताया कि रंजू को बच्चा चोर समझ कर गांव के कुछ लोगों ने बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गयी. इसके बाद उसका शव जंगल में ही दफना दिया गया. मामले के जानकारी होने पर परिजनों ने बोरियो थाने में लिखित आवेदन दिया. त्वरित कार्रवाई करते हुए कल सोमवार की देर शाम पुलिस ने पूछताछ के लिए 3 लोगों को हिरासत में लिया. पूछताछ के बाद पुलिस एक-एक कड़ी जोड़ते हुए आखिरकार असली गुनहगार तक पहुंच गयी.
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10 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज
आज मंगलवार की सुबह पुलिस निरीक्षक नुनु देव रॉय, थाना प्रभारी पंकज वर्मा, एसआई जियालाल किस्कु, एएसआई विराम मरांडी अपने दलबल के साथ आसनबोना गांव पहुंचे और 10 आरोपियों को हिरासत में लिया. आरोपियों की निशानदेही पर शव जंगल से बरामद किया गया. दफनाए गए शव को प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी बीडीओ नागेश्वर साव के देखरेख में निकाला गया. पुलिस ने बरामद शव को सड़े-गले अवस्था में पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. थाना प्रभारी पंकज वर्मा ने बताया कि मृतक के भाई राहुल कुमार के लिखित आवेदन पर 10 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है.
ग्रामीणों ने फैलायी बच्चा चोर की अफवाह
जानकारी के अनुसार बीते 26 अप्रैल को मृतक रंजू मोती का माला बेचते हुए आसनबोना गांव पहुंच गया था. गांव के कुछ लोगों ने बच्चा चोर होने की अफवाह फैला दी. अफवाह फैलाने के बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी और रंजू को बंधक बनाकर मारपीट करने लगे. मारपीट से उसकी मौत हो गयी. ग्रामीणों ने शव को छुपाने के लिए गांव के बाहर घने जंगल में मृतक का हाथ-पैर बांध कर दफना दिया.
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