दो टाइम नहीं हो रही जलापूर्ति, रेलवे कॉलोनी में पेयजल संकट

वाटर लेयर नीचे जाने के कारण कुएं हो गये हैं फेल, हर क्वार्टर को नहीं मिल पर्याप्त पानी

By ABDHESH SINGH | April 18, 2025 9:41 PM
an image

साहिबगंज. रेलवे कॉलोनी के क्वार्टरों में हर वर्ष गर्मी में पेयजल संकट गहरा जाता है. कर्मियों का कहना है कि बरसात और ठंडी के दिनों में क्वार्टर में पर्याप्त पानी तो मिलता है. पर गर्मी में किल्लत हो जाती है. झरना कॉलोनी और साउथ कॉलोनी के क्वार्टर में एक नंबर और दो नंबर कुआं से पानी मिलता है, जबकि नॉर्थ कॉलोनी व स्टेशन में तीन नंबर यानी फिल्टर हाउस से पानी मिलता है, सीधे गंगा स्थित रेलवे के पंप हाउस से पानी सप्लाई होती है. नॉर्थ कॉलोनी व स्टेशन में हमेशा पर्याप्त पानी मिलता है. पर साउथ कॉलोनी व झरना कॉलोनी के क्वार्टर में सप्लाई कुएं पर निर्भर है. कुएं में जलस्तर कम होने से परेशानी बढ़ गयी है. इस कारण साउथ कॉलोनी और झरना कॉलोनी के क्वार्टरो में गर्मी के दिनों में सुबह-शाम पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है. 500 से 600 क्वार्टर में होती है पानी सप्लाई रेलवे के अनुसार नॉर्थ कॉलोनी, साउथ कॉलोनी और झरना कॉलोनी के क्वार्टर में लगभग 1000 से अधिक क्वार्टर हैं. लगभग 500 से 600 क्वार्टर में रेलवे कर्मचारियों को पानी सप्लाई होती है. नॉर्थ कॉलोनी के लगभग सभी क्वार्टर में सालों भर पानी मिलता है. यहां पर जलापूर्ति गंगा के पंप हाउस से की जाती है. रेलवे क्वार्टर में दो टाइम के जगह एक टाइम ही सप्लाई होती है. रेलवे कर्मचारियों को कहना है कि रेलवे के पास गर्मियों के दिनों में पानी की दिक्कत को दूर करने का कोई दूसरा वैकल्पिक नहीं है. परेशानी हमलोगों को उठाना पड़ता है. क्वार्टर में 1000 लीटर पानी देने का हैं लक्ष्य रेलवे के मानें तो वर्तमान में लगभग 500 रेलवे क्वार्टर में पानी सप्लाई देते हैं, उनके अनुसार प्रत्येक क्वार्टर में 1000 लीटर देने का प्रावधान है. नॉर्थ कॉलोनी में तो दो टाइम देने से लक्ष्य पूरा हो जाता है. पर साउथ कॉलोनी व झरना कॉलोनी के क्वार्टर में 500 लीटर भी पानी मिलना मुश्किल हो जाता है. रेलवे अपनी समस्या बात कर निकल जाते हैं. 500 लीटर भी पानी मिलना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में बताइए की अगर गर्मियों के दिनों में ही पानी नहीं मिले तो सोच सकते हैं कि कितना परेशानी होती होंगी. रेलवे अभी भी पुरानी पद्धति पर टिका हुआ है. गंगाजल पर आधारित है पेयजल व्यवस्था, इंटेक वेल भी दम तोड़ रहा रेलवे की पेयजल व्यवस्था साहिबगंज की गंगा जल पर आधारित है. करीब तीन दशक पूर्व साहिबगंज गंगा तट पर बड़ा इंटेक वेल बना कर रेलवे की आधी व्यवस्था को मजबूत किया है. इंटेक वेल में लगभग तीन फीट गोलार्ध का दो पाइप बिछाया गया है. इंटेक वेल से पानी झरना कॉलोनी फिल्टर हाउस तक लाया जा सके. फिर वहां से रेलवे स्टेशन के सभी वाटर बूथ, स्टेशन पर अवस्थित सभी विभाग के कार्यालय के साथ साथ रेलवे स्टेशन की सफाई में लगने वाला पानी की सप्लाई गंगा जल से ही हो रहा है. नार्थ कॉलोनी स्थित रेलवे क्वार्टर, अधिकारी विश्राम गृह, अधिकारी आवास में पानी की सप्लाई की जाती है. रामपुर में सिल्ट्रेशन के बाद पानी कम ही पहुंच पाता है. पुरानी पद्धति से ही पानी काे किया जा रहा फिल्टर ज्ञात हाे कि फिटकरी और ब्लीचिंग पाउडर से पानी को साफ किया जाता है. गंगाजल को झरना कॉलोनी स्थित फिल्टर हाउस में लाया जाता है, जहां बड़ा सा वाटर टैंक बनाया गया है. उसे वॉटर टैंक में पानी जमा होने के बाद फिटकरी और ब्लीचिंग पाउडर डाला जाता है. पानी की गंदगी एकतरफ हो जाती है. साफ पानी की सप्लाइ की जाती है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां साहिबगंज न्यूज़ (Sahibganj News) , साहिबगंज हिंदी समाचार (Sahibganj News in Hindi), ताज़ा साहिबगंज समाचार (Latest Sahibganj Samachar), साहिबगंज पॉलिटिक्स न्यूज़ (Sahibganj Politics News), साहिबगंज एजुकेशन न्यूज़ (Sahibganj Education News), साहिबगंज मौसम न्यूज़ (Sahibganj Weather News) और साहिबगंज क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version