साहिबगंज. जिले में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला दंडाधिकारी-सह-डीसी हेमंत सती ने शनिवार को सुबह 10 बजे साहिबगंज गंगा तट, शकुंतला सहाय घाट, कबूतरखोपी, चानन, रामपुर दियारा में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा की. इस क्रम में डीसी ने गंगा नदी के जल स्तर में हो रही बढ़ोतरी का स्थल निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया. कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की योजना पहले से तैयार रखी जाए. डीसी ने बाढ़ संभावित इलाकों में बोट, नाव, जीवन रक्षक उपकरण और राहत सामग्रियों की उपलब्धता की जानकारी ली और आवश्यकतानुसार संसाधनों की व्यवस्था करने को कहा. साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल टीम की तैनाती, दवा एवं एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय प्रशासन को सामंजस्य के साथ कार्य करने की अपील करते हुए डीसी ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है. गंगा के जलस्तर की लगातार मॉनिटर की जा रही है. सदर सीओ बास्कीनाथ टुडू को ओझा टोली घाट पर घाट चौड़ीकरण व सड़क निर्माण करने की बात कहीं. मौके पर सीआई व अन्य कर्मी उपस्थित थे. जिला प्रशासन की ओर से आम जनों के लिए आवश्यक सूचना : बाढ़ संभावित क्षेत्रों में निर्माण कार्य सुरक्षित ऊंचाई पर ही करें. बिजली के उपकरण और मीटर ऊंचाई पर लगाएं तथा घर की नालियों में बाढ़ का पानी घुसने से रोकने के लिए चेक वाल्व लगवाएं. दीवारों पर वॉटरप्रूफिंग करवाएं और स्थानीय प्रशासन से बचाव के उपाय जानें. यदि बाढ़ की चेतावनी मिले तो रेडियो/टीवी से जानकारी लेते रहें और जरूरत होने पर सुरक्षित स्थान पर समय रहते चले जाएं. घर के जरूरी सामान और फर्नीचर को ऊंचाई पर रखें, बिजली के उपकरणों को डिस्कनेक्ट करें और गीले उपकरणों को न छुएं. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर मछुआरे और नाविक नदी से दूर रहें. घर छोड़ने की स्थिति में बहते पानी में न चलें, यदि चलना जरूरी हो तो स्थिर पानी में छड़ी से जमीन जांचते हुए चलें. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में वाहन न चलाएं; यदि कार पानी में फंसे तो तुरंत सुरक्षित ऊंचे स्थान पर चले जाएं.
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