साहिबगंज. साहिबगंज के प्रसिद्ध टेराकोटा कलाकार अमृत प्रकाश ने गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित अपनी अद्भुत कलाकृति के माध्यम से जिले का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है. उन्होंने यह कलाकृति पटना, बिहार स्थित सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय, दीघा के नए भवन के फ्रंट कॉरिडोर के लिए तैयार की है. यह मूर्तिकला 8 फीट ऊंची है और इसे बनाने में दो महीने का कठिन परिश्रम एवं लगभग 12 लाख रुपये की लागत लगी. यह मूर्ति भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य के पवित्र संबंध को मूर्त रूप देती है और शिक्षा तथा कला के अद्भुत संगम को दर्शाती है. शैक्षणिक अधिकारियों ने अमृत प्रकाश की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें यह कलाकृति बनाने का निर्देश दिया, जिसका उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा. इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि कला को केवल पढ़ाया ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि उसका सार्वजनिक प्रदर्शन भी होना चाहिए जिससे वह रोजगार और आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सके. अमृत की कलाकृति में गुरु को वृक्ष और शिष्य को उसकी छाया के रूप में दर्शाया गया है – यह प्रतीकात्मकता दर्शाती है कि गुरु शिष्य को ज्ञान, आश्रय और मार्गदर्शन प्रदान करता है, जबकि शिष्य बिना गुरु के अपने लक्ष्य को नहीं पा सकता. इस कलाकृति ने गुरु-शिष्य संबंध की गहराई को सुंदर ढंग से उजागर किया है. कई वरिष्ठ अधिकारियों और कलाकारों ने अमृत के इस कार्य की सराहना करते हुए इसे प्रेरणादायक बताया है.
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