साहिबगंज. शहर के रेलवे जनरल इंस्टीट्यूट टॉकिज फील्ड में गुरुवार को इ-रिक्शा टोटो चालक संघ की बैठक पूर्व सचिव अजय सिन्हा की अध्यक्षता में हुई. पूर्व सचिव अजय सिन्हा ने बताया कि 300 से ज्यादा पुराना इ-रिक्शा टोटो हैं, जिसका कागजात शो-रूम वाला नहीं दिया है, हमलोग नगर परिषद में पंजीकृत हैं. इ-रिक्शा टोटो को परिवहन विभाग से नहीं करके नगर परिषद से किया जाये. इ-रिक्शा टोटो को परिवहन विभाग पकड़ कर जुर्माना करना बंद करें. इ-रिक्शा चालक प्रतिदिन कमाते हैं, तब उनका घर परिवार चलता है. हमलोग प्रतिदिन नगर परिषद को टैक्स देते हैं. इ-रिक्शा टोटो चालक की स्थिति दयनीय है, सप्ताह में इ-रिक्शा का ब्याज चुकाने के साथ घर परिवार चलाना पड़ता है. इ-रिक्शा टोटो परिवहन विभाग पकड़ कर फाइन करने से चालकों का मनोबल घट रहा है. घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. इ-रिक्शा टोटो से जुड़े शहर का लगभग 10 हजार लोगों का प्रतिदिन पेट भरता है. सख्ती से पुराना इ-रिक्शा टोटो चालकों का घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है, जितना कमाई नहीं होता, उससे ज्यादा जुर्माना भरना पड़ता है. हमलोग नगर परिषद क्षेत्र में ही चलते हैं, हमलोग को नगर परिषद से ही सबकुछ किया जाये. इ-रिक्शा टोटो का कागजात बनाने के लिए कम से कम तीन माह का समय दिया जाये. अगर रविवार तक हमारी मांगों को नहीं मानी गयी तो सोमवार से इ-रिक्शा टोटो हड़ताल करेंगे. लगभग दो हजार इ-रिक्शा संचालित हैं. हड़ताल होती है तो स्कूली बच्ची को स्कूल जाने में दिक्कत होगी. सरकारी कार्यालय व बाजार जाने वाले, स्टेशन व बस स्टैंड जाने वाले यात्री, अस्पताल जाने वाले मरीज को भी दिक्कत का सामना करना पडेगा. मौके पर पिंटू यादव, अजय सिन्हा, कन्हाई पासवान, राम पूजन, दिलीप गौंड़, अर्जुन मंडल, सुरेश राय, रंजीत यादव, धमेंद्र कुमार, सजीव आर्य, रितिस राम आदि मौजूद थे. क्या हैं मुख्य मांगें इ-रिक्शा टोटो को इससे मुक्त किया जाये, प्रत्येक इ-रिक्शा टोटो को कम दर पर एक साल का परमिट दिया जाये. नगर परिषद से किया जाये. तत्काल इ-रिक्शा टोटो जांच बंद हो, इ-रिक्शा टोटो परिवहन विभाग से मुक्त किया जाये. तत्काल चेकिंग बंद किया जाये. पहले का इ-रिक्शा टोटो को नगर परिषद से कम दर में पंजीकृत करके लाइसेंस दिया जाये. 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अगर इ-रिक्शा टोटो चलाते हैं तो उसकी जिम्मेदारी उसके परिजन की होगी. इ-रिक्शा टोटो का कागजात बनाने के लिए कम से कम तीन माह का समय दिया जाये.
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