साहिबगंज. जिले के किसान अब मोती पायला का व्यवसाय कर सकते हैं. यह बातें जिला मत्स्य पदाधिकारी विरेन्द्र बिन्हा ने कही. उन्होंने कहा कि 50 डिसमिल जमीन या छोटा तालाब जिस किसान के पास है वह रोजगार कर सकते हैं. जिले में दस यूनिट आया है, जिसमें सरकार की ओर से 16 हजार रुपये दिये जायेंगे, जो तालाब में पायला सिपुआ डालेंगे. तालझारी व बोरियो प्रखंड से दस समूहों का चयन किया गया है. जो रांची में प्रशिक्षण लेकर आयेंगे. ओडिशा के भुवनेश्वर में मोती की व्यवसाय होती है. लोग मोती उक्त पायला से निकालकर बाजार में बेच सकते हैं. उन्होंने कहा कि दस लाभुकों के बीच 16 हजार की लागत से बत्तख का भी रोजगार कर सकते है. ऊपर में बत्तख पालन व नीचे में पायला का रोजगार होगा. 16 हजार में 160 पीस बत्तख से रोजगार कर सकते हैं. वहीं तालझारी प्रखंड के मोतीझरना में मत्स्य विभाग की ओर से दो करोड 30 लाख की लागत से केज हाउस का निर्माण किया गया है, जहां पर दर्जनों लोगों को रोजगार मुहैया कराया जायेगा. जिला मत्स्य पदाधिकारी विरेन्द्र बिन्हा ने बताया कि केज हाउस बनकर तैयार है. सोमवार को दो लाख फंगेसियस, एक लाख मोनासेक तेलाबिया नामक मछली का बीज छोड़ा जायेगा, जो बडा होकर बाजार में मिलेंगे. यह के लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा.
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