seraikela kharsawan news: चड़क पूजा में दिखा श्रद्धा व संस्कृति का संगम
खरसावां में चड़क पूजा शुरू, पारंपरिक घट यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब
By DEVENDRA KUMAR | April 11, 2025 12:43 AM
खरसावां.
खरसावां में चैत्र माह की पारंपरिक चड़क पूजा की शुरुआत घट यात्रा (कलश यात्रा) के साथ हो गयी है. बुधवार मध्यरात्रि को पूजा का शुभारंभ शुभ घट निकालने के साथ हुआ. कुम्हारसाही स्थित सोना नदी घाट पर राज पुरोहित अंबुजाख्य आचार्य द्वारा वैदिक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गयी. इसके बाद घट यात्रा आरंभ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे. गुरुवार की रात को माथा घट और मां दुर्गा की यात्रा घट निकाली गयी. चड़क पूजा के अंतर्गत नौ से 14 अप्रैल तक प्रतिदिन अलग-अलग घट यात्राएं निकाली जाएंगी. बृंदावनी घट को रामगढ़ घाट (सोना नदी) से बाजारसाही के शिव मंदिर तक लाया जाएगा, जबकि बाकी पांच घटों को कुम्हारसाही घाट से लाकर शिव मंदिर में स्थापित किया जाएगा.
घट यात्रा का शेड्यूल
12 अप्रैल: शंकर जी का गरीयाभार
14 अप्रैल (सुबह 3 बजे) : मां काली की कालिका घट, इसके बाद विसर्जन
राजा-राजवाड़ों की परंपरा आज भी जीवंत
खरसावां में चड़क पूजा का आयोजन सरकारी खर्च से किया जाता है. इस पूजा पर हर वर्ष लगभग 40 हजार रुपये खर्च होते हैं, जिसे खरसावां अंचल कार्यालय के माध्यम से वहन किया जाता है. बताया जाता है कि चड़क पूजा की परंपरा राजा-राजवाड़ों के समय से चली आ रही है. 1947 में रियासतों के भारत में विलय के समय हुए मर्जर एग्रीमेंट के तहत इस धार्मिक आयोजन को सरकारी सहयोग से जारी रखने की व्यवस्था की गयी थी. चैत्र पर्व के धार्मिक आयाम के रूप में चड़क पूजा का विशेष महत्व है, जो आज भी आस्था और परंपरा का प्रतीक बना हुआ है.
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