
सरायकेला.
सरायकेला प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर गांव में उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से पधारे गौ रक्षा एवं रामकथा प्रचार प्रसार मंडली की ओर से सात दिवसीय रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. रामलीला का शुभारंभ मंगलवार को हुआ. रामलीला कार्यक्रम की प्रथम संध्या पर प्रयागराज से पधारे कलाकारों ने तड़का वध कथा का मंचन किया. इसके साथ कलाकारों ने बहुत ही मनोरम ढंग से महर्षि विश्वामित्र का यज्ञ करना, राक्षसों द्वारा यज्ञ का विध्वंस करना, महर्षि का दिव्य दृष्टि से भगवान नारायण के रामावतार को देखना, विश्वामित्र का अयोध्या पहुंचना, गुरु वशिष्ठ जी के समझाने पर राजा दशरथ द्वारा राम-लक्ष्मण को विश्वामित्र जी को सौंपना, तारक वन में भगवान द्वारा राक्षसी ताड़का-सुबाहु का वध, राक्षस मारीच को बिना फल के बाण मारकर लंका भेजना, महर्षि विश्वामित्र का यज्ञ पूर्ण कराने की कथा का नाटक के माध्यम से मंचन किया.रामलीला देखने पहुंचे लोग
रामलीला देखने के लिए आज पास के गांव के रामभक्त जगन्नाथपुर गांव पहुंचे. इस अवसर पर सभी लोगों ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र जी, लक्ष्मण जी व विश्वामित्र जी आदि की आरती उतार कर राम कथा को आत्मसात करने का संकल्प लिया. मौके पर देवीदत्त प्रधान, पंचानन गोपाल महतो, बसंत कुमार प्रधान, नागेश्वर प्रधान, शिवरतन प्रधान, जसवंत प्रधान, अर्जुन प्रधान, विजय बसंत प्रधान, तीर्थो प्रधान, भागीरथी प्रधान आदि मौजूद थे.
राजनगर : हरि मंदिर में मत्था टेक सुख-शांति की कामना
राजनगर. राजनगर प्रखंड क्षेत्र के नौका गांव में बुधवार को 24 पहर अखंड हरिनाम संकीर्तन धुलौट व महाप्रसाद वितरण के साथ सम्पन्न हुआ. धुलौट में एक-दूसरे को रंग-अबीर लगायी गयी. मालूम हो कि हरिनाम संकीर्तन का आयोजन 15 मार्च से 19 मार्च तक चला. इस दौरान अखंड रूप से राधा- गोविन्द नाम का जाप किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के पुत्र बबलू सोरेन व पूर्व जिप सदस्य डोबरो देवगम शामिल हुए. उन्होंने हरि मंदिर में मत्था टेक क्षेत्र की सुख, शांति की कामना की. वहीं हरि संकीर्तन में बांकुड़ा से हृदय चंद्र दास, राहुल गोस्वामी, दुर्योधन दास, पुरुलिया से कीर्तिदास गोस्वामी, मदला पुरुलिया से शिवराम दास, चिपड़ी से बीरू सिंह, सरायकेला से तुलसी दास गोस्वामी तथा नौका गांव से विशेश्वर प्रधान की संप्रदाय दल (कीर्तन मण्डली ) ने भक्तों को हरि रस में सराबोर कर दिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सुधायनो प्रधान, ईशान प्रधान, भीमसेन प्रधान, सुशेन प्रधान, रतन सतपथी, हीरालाल सतपाथी, काशीनाथ प्रधान, फाल्गुनी प्रधान, नरसिंह प्रधान, राकेश सतपथी, पिंकू प्रधान, तामरस प्रधान, चित्रसेन प्रधान आदि का सराहनीय योगदान रहा.
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