खरसावां. सामाजिक संगठन उत्कल सम्मेलनी द्वारा मानदेय पर नियुक्त शिक्षकों को पिछले एक वर्ष से भुगतान नहीं मिला है. वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्त हुए तीन महीने से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन शिक्षकों को अब तक कोई राशि नहीं मिली है. इस कारण उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके ओड़िया शिक्षक रोजाना समय पर स्कूल पहुंचकर बच्चों को मातृभाषा ओड़िया में शिक्षा दे रहे हैं. झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के ओड़िया भाषी क्षेत्रों में पिछले दो दशकों से 11 परिदर्शकों की निगरानी में कुल 626 शिक्षक ओड़िया भाषा में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. ओडिशा सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से मिलने वाली सालाना 30,000 रुपये की सब्सिडी पर इन शिक्षकों को मानदेय दिया जाता है.
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