सिमडेगा. संत अन्ना महागिरजाघर में लगभग 270 बच्चों ने पहला परम प्रसाद ग्रहण किया. संत अन्ना महागिरजा स्थित प्रांगण में पावन ख्रीस्तीयाग हुआ. मुख्य अधिष्ठाता धर्मप्रांत के चांसलर फादर फबियन डुंगडुंग व सह अनुष्ठाता के रूप में कई फादर उपस्थित थे. अनुष्ठान के बीच सामटोली पल्ली में काफी संख्या में सफेद वस्त्र धारण किये बच्चे-बच्चियों ने प्रथम परम प्रसाद ग्रहण किया. मौके पर फादर फबियन डुंगडुंग ने कहा कि प्रथम परम प्रसाद ईश्वर पर विश्वास का प्रतीक है. ईश्वर मानव जाति से प्यार करते हैं. उन्होंने कहा कि जब मानवों ने ईश्वर से नाता तोड़ दिया, तब ईश्वर मानव बन कर उनको पुनः अपने साथ जोड़ने के लिए धरती पर जन्म लिए. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भोजन के बिना मानव नहीं जी सकता है, उसी प्रकार परम प्रसाद संस्कार भी आत्मा का भोजन है. फादर फबियन ने कहा कि यीशु ख्रीस्त ने अपने चेलों से अनेकों बार कहा था कि मैं ही जीवन की रोटी व जल हूं. यीशु आज पहली बार परम प्रसाद लेने वाले बच्चे-बच्चियों के दिल में जीवन की रोटी और जीवन का मित्र बन कर आ रहे है. यीशु बच्चों से विशेष प्यार करते हैं. वे अपने जीवनकाल में हमेशा बच्चों से घिरे रहें. आज हम इन बच्चों के लिए प्रार्थना करें, ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो. मौके पर फादर नीलम, फादर संजय, फादर शैलेश, फादर सुनील तथा सिस्टर राहिल, सिस्टर सोफिया समेत अन्य पुरोहित, धर्मबहनें व काफी संख्या में ख्रीस्त विश्वासी मौजूद थे. गीत का संचालन फादर दोमनिक और युवा संघ अध्यक्ष ब्रीसियुस की अगुवाई में हुआ. सामटोली पल्ली के युवा संघ ने अपने मधुर गीतों से समारोही मिस्सा को भक्तिमय बना दिया.
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