सिमडेगा. प्रखंड कार्यालय सभागार में अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा के अधिकार व जिम्मेवारी विषय पर दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला शुरू हुई. कार्यशाला का उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों को ग्राम सभा के अधिकारों, कर्तव्यों और उसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया को लेकर जागरूक करना है. मौके पर डीडीसी दीपांकर चौधरी ने पेसा कानून, ग्राम सभा की कानूनी शक्तियां और स्थानीय स्तर पर विकास योजनाओं में सहभागिता जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी. कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों की ग्राम सभाएं अगर सशक्त होंगी, तो शासन की योजनाएं जमीन पर बेहतर तरीके से उतर सकेंगी. जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने कहा कि ग्रामसभा लोकतंत्र की नींव है. विशेषकर अनुसूचित क्षेत्रों में इसे केवल बैठक तक सीमित न रख कर एक सक्रिय निर्णय कर्ता बनाना होगा. महिला प्रतिनिधियों को भी अपनी भूमिका को और मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ग्रामसभा की सशक्त भूमिका से गांवों में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसहभागिता बढ़ेगी. कार्यशाला में पंचायती राज विभाग के पदाधिकारी, जिप सदस्य समरोम पॉल तोपनो, बीडीओ समीर रौनियर खलखो आदि उपस्थित थे.
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