सिमडेगा. सिमडेगा के शहरी क्षेत्र में 20 से 22 घंटे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है, वहीं जिले के ग्रामीण इलाकों में बिजली की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग 10 से 14 घंटे तक ही बिजली का लाभ ले पा रहे हैं. वहीं आंधी-तूफान होने पर पूरी तरह ठप हो जाती है. जलडेगा प्रखंड में बिजली की आपूर्ति 13 से 14 घंटे हो रही है. ओड़गा के व्यवसायी अरशद खान व ग्रामीण ढोगा बड़ाइक ने बताया कि आंधी-तूफान के समय बिजली पूरी तरह बंद हो जाती है. दवा दुकानदार प्रदीप साहू ने कहा कि इस वजह से आवश्यक दवाओं को सुरक्षित रखने में परेशानी होती है. लाह व्यवसायी राजेश अग्रवाल ने भी बिजली की अनियमितता पर चिंता जतायी है. बानो प्रखंड में बिजली केवल 10 से 12 घंटे ही रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह और भी कम हो जाती है. लो वोल्टेज की समस्या भी लोगों की परेशानी बढ़ा रही है. नीलू चौरसिया और कादर खान जैसे व्यवसायियों का कहना है कि बिजली कटौती से व्यापार पर असर पड़ रहा है. कुरडेग प्रखंड में स्थिति और भी गंभीर है. यहां सिर्फ आठ से 10 घंटे बिजली मिलती है और हल्की आंधी-पानी के साथ ही सप्लाई ठप हो जाती है, जो अगले दिन तक बहाल नहीं होती. ग्रामीणों ने पावर हाउस के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. कोलेबिरा प्रखंड में यहां की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है. सिर्फ खराब मौसम या ट्रांसफार्मर जलने पर ही बिजली जाती है. हालांकि लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है, जिसे लेकर लोग समाधान की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बिजली विभाग से मांग की है कि आंधी-तूफान की स्थिति में त्वरित मरम्मत और सप्लाई बहाल करने की व्यवस्था की जाये, साथ ही लो वोल्टेज की समस्या को भी गंभीरता से लिया जाये.
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