कोलेबिरा. कोलेबिरा में बनाये गये मार्केट कांप्लेक्स का उपयोग दूसरे प्रखंड के लोग कर रहे हैं तथा कोलेबिरा प्रखंड के बेरोजगार बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. कोलेबिरा मुख्य चौक पर 18 दुकानों का मार्केट कांप्लेक्स का निर्माण कराया गया था, जिसमें 12 दुकान बड़ी और छह दुकानें छोटी थी. 2008 में कोलेबिरा प्रखंड कार्यालय परिसर में लॉटरी के माध्यम से कोलेबिरा के बेरोजगारों के बीच उक्त दुकानों को आवंटन किया गया था. प्रखंड प्रशासन द्वारा बड़ी दुकानों के लिए जमानत राशि 50 हजार रुपये व छोटी दुकानों के लिए जमानत राशि 30 हजार रुपये निर्धारित की थी. बड़ी दुकान के लिए मासिक किराया है 750 रुपये व छोटी दुकान के लिए मासिक किया 250 रुपये निर्धारित की गयी थी. प्रत्येक तीन वर्ष में मासिक किराया बढ़ाने की बात रखी गयी थी. वर्तमान समय में बहुत से दुकानदार अपनी दुकनों को भाड़े में दे रखा है, जिससे वे भाड़े में दिये दुकानदारों से सरकार द्वारा निर्धारित भाड़ा से अधिक मासिक किराया वसूल रहे हैं. जबकि प्रखंड प्रशासन का यह निर्देश था कि मार्केट कांप्लेक्स में आवंटित दुकानदार अपनी दुकान को दूसरे को भाड़े में नहीं दे सकते हैं. लोगों का कहना है कि स्थानीय बेरोजगार अतिक्रमण का दंश झेल रहे हैं. वहीं दूसरे प्रखंड के लोग मार्केट कांप्लेक्स का लाभ उठा रहे हैं. इस संबंध में कोलेबिरा प्रखंड कर्मी से संपर्क करने पर पता चला कि मार्केट कांप्लेक्स आवंटन किये गये लोगों का रजिस्टर पंजी कार्यालय से गायब है और कई वर्षों से लोगों ने मासिक शुल्क भी नहीं भरा है. इस संबंध में बीडीओ वीरेंद्र किंडो से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि मार्केट कांप्लेक्स के संबंध में उन्हें शिकायत पूर्व में ही मिली है. उनके द्वारा जांच की जा रही है. जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अगर कोई दुकानदार अपने नाम पर आवंटित दुकान को दूसरे को भाड़े में दिया है, तो उस पर विधि संवत कार्रवाई की जायेगी.
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