ईडी की बड़ी कार्रवाई, 500 करोड़ के फ्राड केस में सहकारी बैंक के अध्यक्ष विवेकानंद शंकर पाटिल गिरफ्तार

Bank Fraud Case प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को महाराष्ट्र में 500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सहकारी बैंक के अध्यक्ष विवेकानंद शंकर पाटिल गिरफ्तार कर लिया है. बीते दिनों पनवेल स्थित करनाला नागरी सहकारी बैंक में पांच करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला प्रकाश में आया था. इस मामले में पूर्व विधायक और बैंक के अध्यक्ष विवेकानंद शंकर पाटिल समेत कुल 76 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की गई. इस फ्राड केस में विवेकानंद शंकर पाटिल को मुख्य आरोपी बनाया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2021 8:52 PM
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Bank Fraud Case प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को महाराष्ट्र में 500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सहकारी बैंक के अध्यक्ष विवेकानंद शंकर पाटिल गिरफ्तार कर लिया है. बीते दिनों पनवेल स्थित करनाला नागरी सहकारी बैंक में पांच करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला प्रकाश में आया था. इस मामले में पूर्व विधायक और बैंक के अध्यक्ष विवेकानंद शंकर पाटिल समेत कुल 76 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की गई. इस फ्राड केस में विवेकानंद शंकर पाटिल को मुख्य आरोपी बनाया गया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय में आज इस मामले में बड़ा कार्रवाई करते हुए विवेकानंद शंकर पाटिल को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ऑडिट के बाद नवी मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने 76 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और क्रिमिनल केस दर्ज किया है. इनमें विवेकानंद शंकर पाटिल का नाम भी शामिल है. बता दें कि बीते दिनों पीएमसी बैंक में बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था.

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रिजर्व बैंक ने बीते साल अप्रैल में बैंक की 17 शाखाओं का ऑडिट करने के आदेश जारी किए और इसी दौरान यह मामला प्रकाश में आया था. बताया जाता है कि बैंक के अधिकारियों ने बिना किसी कागजी कार्रवाई के कई लोन अकाउंट खोले और इनकी धनराशि को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया गया. साथ ही बैंक के अधिकारियों ने बिना किसी कागजी प्रूफ के लोन अकाउंट में आठ करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करा दी. कहा जा रहा है कि इस घोटाले में कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं.

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